लखनऊ

3 वर्ष पहले किसान आत्महत्या करने को मजबूर था, अब स्थिति ऐसी नहीं है, किसान संतुष्ट हैं- सीएम

3 वर्ष पहले किसान आत्महत्या करने को मजबूर था, अब स्थिति ऐसी नहीं है, किसान संतुष्ट हैं- सीएम

लखनऊJun 14, 2020 / 05:52 pm

Abhishek Gupta

yogi aaditynath

लखनऊ. उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद के 31वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित वेबिनार में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आज से 3 वर्ष पूर्व जब उत्तर प्रदेश में हमारी सरकार आई थी, तब प्रदेश का किसान उपेक्षा और तिरस्कार के कारण आत्महत्या करने को मजबूर था, लेकिन अब स्थिति ऐसी नहीं है, किसान अब काफी संतुष्ट हैं। भारत सरकार के सहयोग से उत्तर प्रदेश सरकार आज कृषि विश्वविद्यालयों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करते हुए, कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से किसानों को आधुनिक तकनीक और जानकारी उपलब्ध कराने के साथ उनके जीवन में व्यापक परिवर्तन लाने के लिए प्रयासरत है। विगत 3 वर्षों के दौरान प्रदेश में स्थापित 30 विज्ञान केंद्र इसके प्रमाण हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के कृषि क्षेत्र में थिंक टैंक के रूप में यह कृषि अनुसंधान परिषद गठित किया गया था, जिसका उद्देश्य शिक्षा के साथ शोध को बढ़ावा देना था।
हर माह 2 हजार रुपए भेजने में हम सफल हुए- सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछले 3 महीनों के दौरान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत 2 करोड़ 4 लाख किसानों के खाते में हर माह 2 हजार रुपए भेजने में हमने सफलता प्राप्त की है। यह टेक्नोलॉजी से ही संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि मौसम की सटीक जानकारी और पूर्वानुमान के लिए मौसम विज्ञान विभाग, कृषि विश्वविद्यालय और कृषि विज्ञान केंद्र मिलकर एक तंत्र विकसित कर सकते हैं। एक ऐसा तंत्र जिसके माध्यम से आम लोगों के साथ-साथ किसानों को भी ऐसी जानकारी दी जाए, जिससे मौसम के चलते होने वाली हानि को रोका जा सके। भारी बरसात और आकाशीय बिजली गिरने से होने वाली धनहानि और जनहानि को हम टेक्नोलॉजी का बेहतर उपयोग करके रोक सकते हैं। हम मौसम के पूर्वानुमान से किसानों को सतर्क रख सकते हैं। आज हमें कृषि विज्ञान केंद्रों, कृषि विश्वविद्यालयों और जनपद स्तर पर कृषि विभाग से जुड़े सभी अधिकारियों को आधूनिक तकनीक के साथ जोड़ना चाहिए। किसानों के साथ स्मार्टफोन के माध्यम से एक संवाद स्थापित करने की दिशा में कदम बढ़ाने चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले से चले आ रहे हैं कृषि विज्ञान केंद्रों के कार्यों में व्यापक सुधार हुआ है। कृषि विश्वविद्यालयों ने नए शोध और अनुसंधान के माध्यम से आज के नवीन कृषि स्नातकों के लिए द्वार खोले हैं।
योजनाबद्ध तरीके से काम करें सब-

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हम सब मिलकर योजनाबद्ध तरीके से काम करें, तो यह टीम वर्क बेहतर परिणाम की दिशा में हमें आगे बढ़ा सकता है, यह आज की आवश्यकता है। कोरोना संकट के दौरान कोरोना संक्रमण की चैन को तोड़ते हुए किसी भी किसान को समस्या ना आने पाए, इसके लिए सरकार ने अपने स्तर पर हर संभव प्रयास किए हैं। लॉकडाउन के चार चरणों के दौरान हमने 119 चीनी मिलों का सफल संचालन किया है। सफल संचालन के बाद प्रदेश में गन्ना पेराई का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। अलग-अलग क्षेत्र में जो भी कार्य हुए हैं, यह प्रदेश सरकार द्वारा समय पर उठाए गए कदमों और किसान हितेषी कार्यक्रमों का ही परिणाम है। हम लोग भविष्य में भी इस कार्य को निरंतर गति देते रहेंगे, क्योंकि हमारा विश्वास है, ‘किसान खुशहाल तो देश खुशहाल।’
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि विगत 3 वर्षों के दौरान उत्तर प्रदेश में खाद्यान्न उत्पादन में जो बढ़ोतरी हुई है, यह हमारे किसान बंधुओं के परिश्रम और प्रदेश सरकार, कृषि विश्वविद्यालयों के सामूहिक प्रयास का परिणाम है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान करने की कार्यवाही हो या प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना का लाभ दिलाने का कार्य हो, ऐसे सभी कार्य पूरी प्राथमिकता के साथ आगे बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा जारी 20 लाख करोड़ के पैकेज में कृषि क्षेत्र के लिए बहुत सारी संभावनाएं हैं। प्रदेश सरकार ने किसानों के हित के लिए विभिन्न कार्य योजनाएं बनाई हैं। आज ऑर्गेनिक प्रोडक्ट बाज़ार की मांग है। हमें ऑर्गेनिक प्रोडक्ट पर ध्यान केंद्रित करके बाजार में इसकी आपूर्ति करनी चाहिए। इसके लिए बहुत सारे नए कार्य हो सकते हैं। इसके लिए हम टेस्टिंग लैब और प्रशिक्षण की व्यवस्था करेंगे, जिससे इस कार्य को और आगे बढ़ाया जा सके। हमें इस दिशा में प्रयास प्रारंभ कर देना चाहिए।

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