सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि 25 करोड़ पौधों में से 10 करोड़ पौधों के रोपण के लिए वन विभाग द्वारा 10,053 तथा अन्य 26 राजकीय विभागों द्वारा 15 करोड़ पौधों के रोपण हेतु लगभग 07 लाख स्थानों का चयन किया गया है। वृक्षारोपण वाले सभी स्थलों की जियो टैगिंग भी कराई जाएगी। वन विभाग की 1,760 पौधशालाओं लगभग 44.27 करोड़ पौधे, उद्यान विभाग की 142 पौधशालाओं में लगभग 84 लाख से अधिक तथा रेशम विभाग की 76 पौधशालाओं में लगभग 24 लाख से अधिक पौधे उपलब्ध हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि वृक्षारोपण अभियान कुपोषण निवारण, जैवविविधता संरक्षण, जीवामृत के उपयोग तथा गंगा व सहायक नदियों के किनारे वृक्षारोपण पर केन्द्रित है। इसके अन्तर्गत प्रत्येक ग्राम के आवास के परिसर में सहजन के पौधे का रोपण औषधीय गुणों वाली प्रजातियों के पौधों के रोपण पर बल दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक जनपद में विशिष्ट वाटिका वृक्षारोपण के अन्तर्गत-स्मृति वाटिका, पंचवटी, नवग्रह वाटिका, नक्षत्र वाटिका, हरिशंकरी का रोपण कराया जाएगा। वन विभाग की पौधशालाओं एवं वृक्षारोपण के लिए निराश्रित गौ वंश आश्रय स्थलों से कम्पोष्ट के क्रय की व्यवस्था की गई है।