ये भी पढ़ें- जान गंवाने वाले कोरोना योद्धाओं के परिजनों को सीएम योगी ने दी 50-50 लाख की मदद दरअसल सीएम योगी ने प्रदेश में प्रवासी कामगारों की आमद के साथ ही हर हाथ को काम, हर घर में रोजगार की तैयारी कर ली थी। राज्य सरकार इसी सूत्र वाक्य के साथ आगे बढ़ी । और यही वजह है कि राज्य में प्रवासी कामगारों के आने के साथ ही सीएम योगी ने सभी की स्किल मैपिंग कराने के निर्देश जारी किए थे। श्रमिकों को सरकारी क्वारंटीन सेंटर में लाने के साथ ही जहां एक तरफ उनके भोजन और स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था तो की ही गयी साथ ही क्वारटींन सेंटर में ही उनके स्किल मैपिंग का भी इंतजाम किया गया।
36 लाख प्रवासी कामगार का डेटा तैयार- आज यूपी सरकार के पास 36 लाख प्रवासी कामगार का पूरा डेटा बैंक मैपिंग के साथ तैयार है। योगी सरकार इन कामगारों को एमएसएमई, एक्सप्रेस वे, हाइवे, यूपीडा, मनरेगा आदि क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार से जोड़ भी चुकी है। अब ये आंक़ड़ा एक करोड़ के पार पहुंचने वाला है। यही वजह कि योगी सरकार अब एक करोड़ रोजगार के इस आंकड़े को एक उदाहरण के तौर पर प्रस्तुत करना चाहती है।
ये भी पढ़ें- सीएम योगी ने लिया बड़ा फैसला, इस वर्ष नहीं होगी कावड़ यात्रा उल्लेखनीय है कि योगी सरकार लॉकडाउन के पहले चरण से ही इससे सर्वाधिक प्रभावित तबके के प्रति सर्वाधिक संवदेनशील रही है। दूसरे प्रदेशों से 36 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों एवं कामगारों की सम्मानजनक एवं सुरक्षित तरीके से नि:शुल्क घर वापसी। हर लौटने वालों की क्वारंटीन सेंटर में सेहत की जांच, जांच में जो ठीक पाये गये उनको एक हजार भरण-पोषण भत्ते और राशन किट के साथ गांव तक पहुंचाना। जो संदिग्ध थे उनका मुकम्मल नि:शुल्क इलाज, बुजुर्गों, दिव्यांगों और निराश्रित महिलाओं को दो महीने की अग्रिम पेंशन के साथ दो महीने की अतिरिक्त पेंशन, हर जरूरत मंद को राशन, भरण-पोषण भत्ता और कम्यूनिटी किचन से भोजन देने जैसी योजनाओं ने उन्होंने इस वर्ग के प्रति अपनी संजीदगी जाहिर की।