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कोरिया की प्रथम महिला के सम्मान में आज रात्रिभोज देंगे सीएम योगी, अयोध्या में दीपोत्सव की हैं खास अतिथि

locationलखनऊPublished: Nov 05, 2018 02:16:02 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन की पत्नी किम जोंग सूक अयोध्या के दीपोत्सव कार्यक्रम में भाग लेने के लिए भारत आई हैं…

CM Yogi will host dinner party

कोरिया की प्रथम महिला के सम्मान में आज रात्रिभोज देंगे सीएम योगी, दीपोत्सव की हैं खास अतिथि

लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन की पत्नी किम जोंग सूक को रात्रि भोज देंगे। किम जोंग सूक अयोध्या में हो रहे दीपोत्सव की खास अतिथि हैं। किम जोंग एक उच्च स्तरीय कोरियाई प्रतिनिधि मंडल के साथ 4 नवम्बर को भारत पहुंची थीं। सोमवार को राजधानी लखनऊ में वह सीएम आवास पर डिनर करेंगी। अगले दिन यानी बुधवार को अयोध्या के दीपोत्सव में शामिल होने के लिए सड़क मार्ग से राम नगरी जाएंगी। 7 नवम्बर को ताजमहल के दीदार के लिए वह हवाई मार्ग से आगरा को रवाना होंगी।
ऐसा पहला मौका होगा जब अयोध्या की दीपावली की गवाह किसी देश की प्रथम महिला होंगी। 6 नवम्बर को किम जोंग सूक अयोध्या में सरयू तट पर स्थित रानी सूरीरत्ना (हौ ह्वांग-ओक) के स्मारक का शिलान्यास करेंगी और योगी सरकार के दीपोत्सव कार्यक्रम में भाग लेंगी। उनकी उपस्थिति अयोध्या और कोरिया के करीब 2000 वर्ष पुराने रिश्तों की याद ताजा कर देगी।
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इसलिए जुड़ाव महसूस करते हैं कोरियन
दक्षिण कोरियाई इतिहासकार इर्यान ने ‘साम्गुक युसा’ नामक पुस्तक में कोरिया और अयोध्या के रिश्तों के बारे में लिखा है। उनके मुताबिक, लगभग 48 ईसा पूर्व अयोध्या की राजकुमारी सूरी रत्ना नौकायन के दौरान दक्षिण कोरिया पहुंच गई थीं। उन दिनों कोरिया में ‘काया’ राजवंश का शासन था और किम सुरो वहां का राजा था, जिससे राजकुमारी हौ को प्रेम हो गया और दोनों वैवाहिक बंधन में बंधन गए थे। उस वक्त राजकुमारी सूरी रत्ना 16 वर्ष की थीं।
कारक गोत्र के तकरीबन 60 लाख कोरियाई खुद को राजा सुरो और अयोध्या की राजकुमारी हौ का वंशज मानते हैं। दक्षिण कोरिया की बड़ी आबादी आज भी खुद को किम सुरो की 72वीं पीढ़ी बताती है और अयोध्या के मौजूदा राज परिवार को काया राजवंश का हिस्सा मानते हैं और इस राजवंश से जुड़े लोगों का सम्मान भी करते हैं। दक्षिण कोरियाई सरकार ने अपनी पूर्व रानी की स्मृति में अयोध्या में एक स्मारक भी बनवा रखा है, अब योगी सरकार जिसका कायाकल्प करने जा रही है।
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छह देशों की रामलीला का मंचन
अयोध्या में वैसे तो छह देशों की रामलीला का मंचन होगा, लेकिन यहां पहली बार रूसी रामलीला देखने को मिलेगी। तीन दिवसीय दीपोत्सव कार्यक्रम में रूस के अलावा कम्बोडिया, श्रीलंका, लाओस, त्रिनिदाद, इंडोनेशिया की भी रामलीला बुलाई गई है। छोटी दीपावाली के दिन यानी 6 नवम्बर को भगवान श्रीराम की जिंदगी से जुड़े 15 रथों की भव्य झांकी भी निकाली जाएगी। साथ ही तीन लाख से ज्यादा दीप जलाकर अयोध्यावासी इस दीपोत्सव को ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ दर्ज कराने की तैयारी में हैं। इसके अलावा 6 नवम्बर को राज्य सरकार के बुलावे पर आये देश-विदेश के अतिथियों का जमावड़ा दीपोत्सव कार्यक्रम में चार चांद लगा देगा। 6 नवम्बर को ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या में भव्य राम प्रतिमा बनाने का ऐलान कर सकते हैं।
देशी-विदेशी मेहमानों से गुलजार होगी अयोध्या
सत्ता में आने के बाद से योगी आदित्यनाथ सरकार अयोध्या की दिवाली को व्यापक स्तर पर मना रही है। पिछले साल (2017) दीपावली पर अयोध्या का सरयू तट दीपों से जगमगा उठा था। खुद सीएम योगी इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस बार भी अयोध्या के दीपोत्सव को भव्य बनाने के लिए राज्य सरकार ने पूरी तैयारियां की हैं। मुख्य कार्यक्रम स्थल सरयू तट के किनारे स्थित राम की पैड़ी परिसर को और भव्य बनाया गया है। इस दिवाली पूरी अयोध्या विदेशी मेहमानों से गुलजार होगी।
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