समारोहों में विद्यालय के छात्रों ने ईश्वर भक्ति से परिपूर्ण अपने गीत-संगीत के माध्यम से ईश्वरीय एकता का ऐसा आलोक बिखेरा कि दर्शक व अभिभावक मंत्रमुग्ध हो गये। विद्यालय के छात्रों ने अपने अभिभावकों के समक्ष न सिर्फ अपने ज्ञान का अपितु विद्यालय द्वारा प्रदान की जा रही नैतिक व आध्यात्मिक शिक्षा से परिपूर्ण ज्ञान का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। विभिन्न प्रतियोगिताओं में सर्वोच्चता अर्जित करने वाले छात्रों व वार्षिक परीक्षाओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को भी पुरस्कृत और सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर अभिभावकों को सम्बोधित करते हुए डा. गाँधी ने कहा कि आज का बालक एक वैज्ञानिक युग में जी रहा है। विज्ञान की तेज प्रगति व विश्वव्यापी सोच ने प्रत्येक बालक में कुछ नया कर दिखाने का जज्बा भर दिया है।
का जज्बा भर दिया है। उन्होंने छात्रों का आहवान किया कि वे उत्कृष्टता के लिए पूरा प्रयास करें और भौतिक एवं सामाजिक क्षेत्रों में विकास के साथ-साथ नैतिक व चारित्रिक रूप से भी महान बनें। डा. गाँधी ने सुझाव दिया कि अभिभावकों एवं शिक्षकों को स्वयं अच्छा बनकर बालकों को अच्छा बनने का वातावरण प्रदान करना चाहिए।
प्रधानाचार्या शिवानी सिंह ने इस अवसर पर कहा कि उद्देश्यपूर्ण शिक्षा का मनुष्य के ऊपर व्यापक प्रभाव होता है। कॉलेज बालकों को समाजोपयोगी ज्ञान को अर्जित करने के लिए बालक को प्रेरित करता है। इसके अलावा डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’ का आयोजन विद्यालय परिसर में किया गया तथापि रंगारंग शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच विद्यालय के मेधावी छात्रों को सम्मानित किया गया।