रविवार को कॉलोनी वालों ने एक प्रेमी जोड़े को मौजमस्ती करते रंगे हाथ पकड़ लिया। वो दोनों कोचिंग पढ़कर सीधे कांशीराम कॉलोनी पहुंचे और खाली पड़े एक आवास में घुसकर मौज-मस्ती करने लगे। स्थानीय लोगों को भनक लगी तो दनदनाते हुए कमरे में घुस गए। इसके बाद वहां जो दिखा, उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। दोनों (लड़के-लड़कियां) आपत्तिजनक हालत में थे। गुस्साए लोगों ने दोनों की जमकर पिटाई कर दी। इस दौरान कुछ लोगों ने दोनों का लाइव वीडियो भी बना लिया।
लोग बोले- माता पिता भी जिम्मेदार
लोगों ने आज की बिगड़ती युवा पीढ़ी के लिए माता-पिता की परवरिश को भी जिम्मेदार ठहराया। लोगों का कहना था कि जब घरवाले बेटे-बेटियों को कोचिंग भेजते हैं, अच्छी बात है। लेकिन उन्हें समय सीमा का भी ध्यान रखना चाहिए। अगर कोचिंग छूटने के घंटों बाद भी उनकी बेटी घर नहीं पहुंचती है तो उन्हें पता करना चाहिए। कई बार तो लड़के-लड़कियां दोस्त /सहेली के घर में होने का झूठ बोलकर बच जाती हैं। ऐसे में माता-पिता की जिम्मेदारी कि उन्हें बिगड़ने से बचाएं। उन्हें जानना चाहिए कि मेरी बेटी रोज-रोज घर लेट से क्यों आती है। ऐसा करने से कुछ भी गलत करने से पहले उनके मन में शंका बैठी रहेगी।
लोगों ने आज की बिगड़ती युवा पीढ़ी के लिए माता-पिता की परवरिश को भी जिम्मेदार ठहराया। लोगों का कहना था कि जब घरवाले बेटे-बेटियों को कोचिंग भेजते हैं, अच्छी बात है। लेकिन उन्हें समय सीमा का भी ध्यान रखना चाहिए। अगर कोचिंग छूटने के घंटों बाद भी उनकी बेटी घर नहीं पहुंचती है तो उन्हें पता करना चाहिए। कई बार तो लड़के-लड़कियां दोस्त /सहेली के घर में होने का झूठ बोलकर बच जाती हैं। ऐसे में माता-पिता की जिम्मेदारी कि उन्हें बिगड़ने से बचाएं। उन्हें जानना चाहिए कि मेरी बेटी रोज-रोज घर लेट से क्यों आती है। ऐसा करने से कुछ भी गलत करने से पहले उनके मन में शंका बैठी रहेगी।
इंटरनेट भी कम जिम्मेदार नहीं
समाजसेवियों की मानें लड़के-लड़कियों के बिगड़ने का सबसे बड़ा कारण मोबाइल और इंटरनेट है। गांव हो या शहर हर जगह नाबालिग बच्चे भी एन्ड्रॉयड फोन लिए घूमते हैं। बच्चे घरवालों को बताते हैं कि वे मोबाइल के जरिए पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन ज्यादातर बच्चे गलत संगत में पड़कर उसका अनुचित प्रयोग ही करते हैं। आज हमारी युवा पीढ़ी किस ओर जा रही है? कांशीराम कॉलोनी में आपत्तिजनक हालत में पकड़े गए युवक-युवती के मामले से स्पष्ट है। समाजसेवियों का मानना है कि अपने बढ़ते बेटे-बेटियों की काउंसिलिंग बहुत जरूरी है। साथ ही माता-पिता को ध्यान भी रखना होगा।
समाजसेवियों की मानें लड़के-लड़कियों के बिगड़ने का सबसे बड़ा कारण मोबाइल और इंटरनेट है। गांव हो या शहर हर जगह नाबालिग बच्चे भी एन्ड्रॉयड फोन लिए घूमते हैं। बच्चे घरवालों को बताते हैं कि वे मोबाइल के जरिए पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन ज्यादातर बच्चे गलत संगत में पड़कर उसका अनुचित प्रयोग ही करते हैं। आज हमारी युवा पीढ़ी किस ओर जा रही है? कांशीराम कॉलोनी में आपत्तिजनक हालत में पकड़े गए युवक-युवती के मामले से स्पष्ट है। समाजसेवियों का मानना है कि अपने बढ़ते बेटे-बेटियों की काउंसिलिंग बहुत जरूरी है। साथ ही माता-पिता को ध्यान भी रखना होगा।
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