जिस पर अदालत ने 19 फरवरी की तिथि नियत करते हुए उक्त सभी लोगों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था व कमिश्नर की व्यक्तिगत हाजिर से छूट देते हुए अधिवक्ता के माध्यम से शपथपत्र देने को कहा। अदालत में पुलिस आयुक्त डी के ठाकुर का शपथ पत्र उनके अधिवक्ता ने दाखिल की।शपथपत्र में कहा की अभियुक्त कन्हैया विश्वकर्मा उर्फ गिरधारी उर्फ डॉक्टर एक शातिर किस्म अपराधी था तथा हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था तथा 13 2021 को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट लखनऊ ने 3 दिन के लिए उसका पुलिस रिमांड स्वीकृत किया था जिस पर पूछताछ के लिए और बरामदगी के लिए जब उसको ले जाया जा रहा था तो खरगापुर के पास है उतर कर सरकारी रिवाल्वर भी छीन कर फरार हो गया।
उसने दो उप निरीक्षक अनिल सिंह व सईद अख्तर घायल कर दिया जिन्हें अस्पताल ले जाया गया,तथा पुलिस उपायुक्त संजीव सुमन व निरीक्षक शेखर सिंह बाल-बाल बचे । पुलिस पर गिरधारी ने 9 राऊंड किए ।पुलिस ने भी कार्यवाही पर उसके घायल होने पर जीवित अवस्था मे अस्प्ताल ले जाया गया जहां पर इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गयी।शपथपत्र में कहा गया कि अभियुक्त की मृत्यु पुलिस अभिरक्षा में नही हुई बल्कि इलाज के दौरान अस्पताल में हुई। शपथ पत्र में कहा गया कि घटना आकस्मिक वह अप्रत्याशित रूप से अभी उसके दूसरा एसआई कृत की वजह से घटना घटी थी जिसका पूर्ण अंदेशा नहीं था इसलिए पहले से संबंध में लिखित में किसी विराज का कोई औचित्य नहीं था शपथ पत्र में कहा गया कि उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देशों के अनुक्रम में पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश द्वारा जारी सर्कुलर का अक्षर से पालन किया गया अप में कहा गया कि उक्त एनकाउंटर के मामले की जांच निष्पक्ष रूप से सहायक पुलिस आयुक्त हजरत द्वारा की जा रही है जो विवेचना प्रचलित है।
शपथ पत्र में कहा गया कि पंचनामा मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में किया गया तथा पोस्टमार्टम चिकित्सीय पैनल ने वीडियोग्राफी के माध्यम से किया मामले की सूचना मानवाधिकार आयोग को भी भेजी गई है और उसकी रंगीन फोटो ली गई है पंचनामा के बाद उसका शव ससम्माम उसके परिजनों को सौंप दिया गया ।उल्लेखनीय है कि वादी की अर्जी पर अदालत ने उक्त अधिकारियों से शपथपत्र मांगा कि इनकाउंटर मामले में सुप्रीम कोर्ट के1999 में दिए गए 16 दिशा निर्देशों का पालन किया गया है । इस संबंध में वे अपना शपथपत्र दाखिल करें ।इस मामले में उक्त सभी अधिकारियों से व्यक्तिगत रूप से उपस्थिति होकर शपथ पत्र अलग अलग देने के लिए कहा गया था। जिस पर आज उस लोगों ने उपस्थित होकर अपना अपना शपथपत्र दाखिल किया ।कमिश्नर डी के ठाकुरको उपस्थिति से छूट दी गयी थी कि वह अपने अधिवक्ता के माध्यम से उपस्थित होकर दे सकते है इस पर उनका शपथपत्र उनके अधिवक्ता ने दाखिल किया ।