सरकार की यह घोषणा कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य 50 तथा 83 प्रतिशत तक बढ़ाने जा रही है, बिल्कुल झूठ है। उदाहरण के लिए धान की कीमत को ही ले लिया जाये तो वर्ष 2019-20 में लागत मूल्य के साथ 50 फीसदी लाभ जोड़ने के बाद न्यूनतम समर्थन मूल्य कम से कम 2583 रूपये प्रति कुंतल होना चाहिए जबकि सरकार ने 2020-21 के लिए 1868 रूपये न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया गया है। राज्य सचिव मण्डल ने किसानों के साथ मोदी सरकार द्वारा किये जा रहे इस भद्दे मजाक और धोखाधड़ी का विरोध करते हुए समुचित न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने की मांग की है।