ज्योति किरन रतन के संयोजन और संचालन में हुए इस वृहद प्रतियोगितात्मक कार्यक्रम में पांच से सोलह साल तक के प्रतिभागियों ने उत्साह से भाग लिया। प्रतिभागियों ने कहा कि कोरोना संकट काल जहां विश्व पर काल बनकर मंडरा रहा है वहीं, इस आपदा में भी लोगों ने अपने और समाज के विकास का मार्ग तलाश लिया हे।
लोगों को अपने परिवार के साथ अधिक से अधिक समय बिताने का अवसर मिला वहीं कम खर्च में गृहस्थी चलाने का हुनर भी सीखा। इस खाली समय में लोगों ने ज्ञानार्जन किया वहीं अपने शौक भी पूरे किये। यहां तक की लोग अपने घरों की आंतरिक और वाह्य सज्जा भी मन मुताबिक पूरे समय मौजूद रहकर अपने सामने करवा पाए। स्वास्थ खानपान के प्रति लोग सजग हुए और फूलों की बगिया के साथ साथ साग सब्जियों की बगिया भी विकसित की। अब वह अपनी बगिया की लौकी और तुरई का आनंद ले रहे हैं। वाहन कम चलने से प्रदूषण पर अंकुश लगा वहीं लोगों की पैदल चलने की आदत पड़ी। लोगों ने मास्क आदि बनाकर रोजगार के अवसर भी सृजित किये।
समाजोपकार के प्रति भी लोग जागरुक हुए और उन्होंने प्रवासी मजदूरों से लेकर झोपड़-पट्टियों तक में भोजन, कपड़े दवाएं आदि पहुंचायी। ऑनलाइन क्लास ने अभिभावकों के समक्ष यह अवसर भी उपलब्ध करवाया कि वह अध्यापक की मेहनत और अपने बच्चे के सहपाठियों की तत्परता से भी रूबरू हो पाए। प्रतिभागियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जनहित मे किये जा रहे कार्यो की भी प्रशंसा की। वक्ताओं ने संदेश दिया कि ऐसा विकास हो जिसमें समाज का विकास हो। प्रकृति का संरक्षण हो। मेला संयोजक मनोज सिंह चंदेल ने बताया कि इन आनलाइन प्रतियोगिताओं में यह अच्छी बात है प्रतिभागी राजधानी के अलावा अन्य जिलों और प्रदेश से बाहर भी भाग ले पा रहे हैं।