राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह व्यवस्था प्रमुख अनिल ओक ने स्वयंसेवकों मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि देश में अनेक प्रकार की समस्याएं है, इसे लेकर संसद, विधानसभा सहित कई जगहों पर चर्चाएं होती हैं, लेकिन उसका समाधान होता कहीं नहीं दिख रहा है। हमें सिर्फ सरकार के भरोसे नहीं रहना चाहिए। हमें स्वयं आगे आकर समाज हित में कार्य करना होगा और समाज की सेवा में हमेशा तत्पर रहना है।
उन्होंने कहा कि दुनिया में कई देश ऐसे हैं, जिन्होंने समस्याओं के कारण अपना अस्तित्व खो दिया। लेकिन हमारे में देश में जातिवाद जैसी समस्याएं सैकड़ों वर्षों से हैं फिर भी आज हम खड़े हैं। इस बात से साबित होता है कि समस्याएं इतनी शक्तिशाली नहीं, जो हमारा अस्तित्व समाप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि देश का नेतृत्व करने के लिए प्रतिभावान होने की जरूरत नहीं है, स्वाभिमानी और चरित्रवान होना आवश्यक है। हिन्दू मार्ग ही ऐसा है, जो सभी धर्मों को साथ लेकर चलता है। इस मार्ग से जुड़कर ही समाज में परिवर्तन लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिस समाज में हीन भावना होती है, वह कभी उन्नति नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि समाज जब तक संगठित नहीं होगा, देश का भला नहीं हो सकता है। समाज को संगठित होकर एक साथ काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने अनेक महापुरुषों का उदारण देकर स्वयंसेवकों का मार्गदर्शन किया।
उन्होंने कहा कि शाखा के माध्यम से व्यक्तित्व का निर्माण होता है, यहां छोटे-छोटे कार्यों से व्यक्ति के अंदर परिवर्तन लाने की कोशिश होती है। साथ ही सभी एकजुट होकर रहें, समाज संगठित हो, यह भी सिखाया जाता है। उन्होंने कहा कि कर्तव्य भावना का निर्माण भी शाखा में होता है, इसलिए हमें यही भावना खुद के अंदर विकसित करनी है।