कांग्रेस का मिशन 22 प्रियंका गांधी इस समय यूपी में मिशन विधानसभा चुनाव 2022 को लक्ष्य बनाकर काम कर रहीं हैं। प्रियंका के फार्मूले पर ही प्रदेश कमेटी बनाई गई है। उनका फार्मूला नए कार्यकर्ताओं को तरजीह देने और कमेटी छोटी बनाने का था। पिछड़ों को जोडऩे का है। युवाओं को साथ ले कर चलने की बात कर रही हैं। यही कारण है कि जितने निषक्रिय पड़े बुजुर्ग नेता हैं, वही प्रियंका के फैसले का विरोध कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि प्रियंका गांधी उन पर भी नजर बनाए हुए हैं जो पार्टी की अंदुरूनी बातों को अखबारों में छपवाया करते थे और उससे पार्टी की छवि खराब हो रही थी। जल्द ही ऐसे कांग्रेसियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। उनकी सूची तैयार की जा रही है।
एक वोट नहीं और बातें पार्टी विरोधी कांग्रेस की बागडोर लेकर चल रहीं प्रियंका के पास पोख्ता जानकारी यहां तक पहुंच गई है कि बहुत से ऐसे नेता भी हैं जो पार्टी में ही भितरघात किया करते हैं। उनका समाज में कोई स्थान नहीं है। यहां तक कि बूथ स्तर पर भी वे जीतने की स्थिति में नहीं हैं। बगैर वोटों वाले ये नेता केवल बातों से ही कांग्रेसी थे। अब उनकी छटनी की जा रही है।कहा जा रहा है कि कांग्रेस कमेटी से उन कार्यकर्ताओं की छंटनी हो गई, जो वर्षों से प्रदेश पदाधिकारियों की टीम में शामिल रहे हैं। अब जो प्रदेश कमेटी घोषित हुई है, उसमें अधिकांश चेहरे बिल्कुल नए हैं। प्रियंका के इस निर्णय को युवा कार्यकर्ता तो पार्टी के हित का मान रहे हैं।
वरिष्ठ को स्थान न मिलने से बढ़ी नाराजगी सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं का तर्क है कि युवा जोश के साथ अनुभव का भी मेल होना था। जो कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्रों में पार्टी का चेहरा थे, उन्हें किनारे किए जाने से नुकसान हो सकता है। वरिष्ठ को दर किनार करके पार्टी अपना नया चेहरा कैसे पैदा करेगी। पुराने लोग पार्टी का एक सिम्बल थे, लेकिन अब उन्हें हटाया जाता है तो पार्टी के अंदर अनुशासनहीनता बढ़ जाएगी।
बातूनी नहीं भरोसेमंद की जरूरत प्रदेशाध्यक्ष बनने के साथ ही अजय कुमार लल्लू ने कमेटी के इतर व्यवस्था के पदों पर अपने भरोसेमंद बिठाने शुरू कर दिए हैं। सबसे पहले गुरूवार को उन्होंने वरिष्ठ कांग्रेसी एवं पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. आरपी त्रिपाठी को हटाया। उनके स्थान पर पूर्व प्रदेश महामंत्री सिद्धार्थ प्रिय श्रीवास्तव और युवक कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष अनूप कुमार गुप्ता को प्रशासन प्रभारी बनाया गया है।
नाराज एमएलसी सिराज मेंहदी ने दिखाई नाराजगी कांग्रेस के वरिष्ठ कार्यकर्ता व पूर्व एमएलसी सिराज मेंहदी ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी और प्रदेश कांग्रेस कमेटी से इस्तीफे की पेशकश की है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश कमेटी में किसी शिया मुसलमान को स्थान नहीं दिया गया। इससे पहले भी एमएलसी का टिकट काटकर मेरी उपेक्षा की गई। प्रियंका वाड्रा ने 50 से अधिक उम्र के कार्यकर्ताओं को कमेटी में न रखने की बात कही है। अब युवा देश, युवा प्रदेश और यवा कांग्रेस का नारा बुलंद हो रहा है।