कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी की ओर से जारी प्रेस नोट में इन बिंदुओं को उठाया गया है- -सरकार बने 16 महीने बीत चुके हैं और रोजगार के नाम पर सिर्फ छलावा दिया जा रहा है, संकल्प पत्र में यह वादा था कि 90 दिन में समस्त रिक्त पदों के विज्ञापन जारी किये जायेंगे लेकिन आज भी नाम मात्र की विज्ञप्तियां निकाली गयीं। बीजेपी के संकल्प पत्र में वादा था कि 90 दिनों में शिक्षा मित्रों को पूर्ण स्थायी नौकरी दी जायेगी आज तक नहीं मिली जिससे आर्थिक रूप से व्यथित सैंकड़ों शिक्षा मित्रों ने आत्महत्या करके अपनी जान गंवा दी लेकिन सरकार बराबर निर्ममता का परिचय देती रही।
-32 हजार बीपीएड अभ्यर्थियों की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा रखी है। हजारों अभ्यर्थी अपनी मांग को लेकर सड़क पर हैं लेकिन सरकार के कान में जूं नहीं रेंग रही है। -अनुदेशकों की समस्या जस की तस है केन्द्र सरकार के द्वारा मार्च 2017 में यह घोषणा की गयी कि अनुदेशकों का मानदेय बढ़ाकर 17 हजार कर दिया गया है लेकिन राज्य सरकार द्वारा आज भी जुलाई आने पर भी उन्हें घोषित मानदेय नहीं दिया जा रहा है।
-प्राथमिक शिक्षा में डेढ़ लाख से ज्यादा शिक्षकों की कमी है जिसके कारण अधिकांश विद्यालय या तो बन्द हैं या सिर्फ एक शिक्षक के द्वारा संचालित हो रहे हैं। -स्वास्थ्य क्षेत्र में भारी मात्रा में चिकित्सकों, नर्सों की कमी है अस्पतालों में दवाएं नहीं हैं, सरकारी एम्बुलेन्स सेवा में चालकों की कमी है, बदहाल और अव्यवस्था चरम पर है लेकिन सरकार द्वारा कोई सुधारात्मक कदम नहीं उठाया जा रहा है।