ये है जितिन प्रसाद के नाराजगी की वजह हालांकि बीजेपी में शामिल होने के बाद पार्टी में जितिन प्रसाद की किया भूमिका होगी, इस बारे में अभी कुछ भी साफ नहीं हो पा रहा है। क्या जितिन प्रसाद बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे, इसको लेकर भी अभी कुछ पता नहीं चल पा रहा है। दरअसल राहुल गांधी के बेहद करीबी माने जाने वाले जितिन प्रसाद की सीट को लेकर कांग्रेस में कई दिनों से असमंजस का दौर चल रहा है। जानकारी के मुताबिक प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस आलाकमान जितिन प्रसाद पर लखनऊ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का दबाव डाल रहा है। लेकिन जितिन प्रसाद धौरहरा लोकसभा सीट से ही चुनाव लड़ने पर अड़े हुए हैं। लखनऊ से चुनाव लड़ाने को लेकर जितिन प्रसाद की पिछले कई दिनों से कांग्रेस आलाकमान से नाराजगी की खबरें भी सामने आ रही थीं। इसके अलावा सूत्र यह भी बता रहे हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया का यूपी में कद बढ़ाए जाने को लेकर भी जितिन प्रसाद पार्टी के दबाव से जितिन प्रसाद नाखुश चल रहे थे।
कौन हैं जिनित प्रसाद जितिन प्रसाद यूपी में कांग्रेस के बड़े ब्राह्नण नेता माने जाते हैं। जितिन प्रसाद भी यूपी के कद्दावर कांग्रेसी परिवार से आते हैं। यूपीए सरकार में चार मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल चुके जितिन प्रसाद की गिनती कांग्रेस के युवा नेताओं में होती है। जितिन प्रसाद के पिता जितेन्द्र प्रसाद प्रधानमंत्री राजीव गांधी, पीवी नरसिम्हा राव (1994) के राजनीतिक सलाहकार, राष्ट्रीय कांग्रेस के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। 2004 में शाहजहांपुर सीट से पहली बार सांसद बने जितिन 2009 में धौरहरा लोकसभा सीट पर उतर गए। वह यहां से सांसद भी रहे और केंद्र सरकार में मंत्री भी। 2014 की भाजपा की लहर की वजह से जितिन को धौरहरा सीट गंवानी पड़ी थी। सीतापुर जिले के महोली, हरगांव, खीरी जिले की धौरहरा, कस्ता और मोहम्मदी विधानसभा क्षेत्रों में जितिन का सीधा प्रभाव है।