कांग्रेस की लाज सिर्फ दो सीटों पर बची है। कानपुर और सहारनपुर। कानपुर में श्री प्रकाश जायसवाल और सहारनपुर में इमरान मसूद चुनाव हार गए हैं लेकिन वे इस मामले में भाग्यशाली हैं कि उन्होंने अपनी जमानत राशि बचा ली है। गौरतलब है कि जमानत राशि बचाने के लिए कुल पड़े वोटों का एक बटा छह प्रतिशत वोट मिलना चाहिए। उप्र में कुल 818 उम्मीदवारों ने अपनी जमानत राशि गंवाई है। सबसे कम बांसगांव सीट पर 2 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई है। क्योंकि यहां कुल 4 ही कैंडिडेट ही चुनाव मैदान में थे। इसके बाद जालौन में 3 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई है। प्रदेश में सबसे ज्यादा 27 उम्मीदवार अमेठी में चुनाव लड़ रहे थे लिहाजा यहां 25 की जमानत जब्त हुई है।
जिन बड़े कांग्रेसी नेताओं की हार हुई है, उनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, पी.एल. पुनिया के बेटे तनुज, राज बब्बर, आरपीएन सिंह, जितिन प्रसाद और अन्नू टण्डन शामिल हैं। पूर्वांचल के बड़े नेता आरपीएन सिंह, बीएसपी से पाला बदलकर कांग्रेस में आए नसीमुद्दीन सिद्दीकी की आदि भी जमानत बचाने में नाकामयाब रहे हैं। यूपीए सरकार में मंत्री रहे जितिन प्रसाद भी अपनी जमानत नहीं बचा सके। उन्नाव में अन्नू टण्डन भी भगवा लहर में गायब हो गईं। बाराबंकी से कांग्रेस के सांसद रहे पीएल पूनिया के बेटे तनुज पूनिया बुरी तरह हारे हैं। 1 लाख 59 हजार वोट पाकर उन्होंने भी अपनी जमानत गंवा दी है।