ब्राह्मण चेतना यात्रा के तहत मंगलवार को जितिन प्रसाद मैनपुरी पहुंचे। शहर के मोहल्ला गोपीनाथ अड्डा निवासी निवासी सुभाषचंद्र पांडेय के घर पहुंचकर उन्हें ढांढस बंधाया और शोक-संवेदना व्यक्त की। गौरतलब है कि बीते 16 सितम्बर को मैनपुरी के भोगांव स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय के कक्षा 11 में पढ़ने वाली सुभाष चन्द्र पांडेय की 16 वर्षीय बेटी अनुष्का पांडेय की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। विद्यालय प्रशासन का दावा था कि छात्रा ने फांसी लगाई है, जबकि परिजनों ने स्कूल के प्रिंसिपल और वार्डन समेत तीन के खिलाफ बलात्कार और हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। मैनपुरी की तरह ही जितिन प्रसाद यूपी के अन्य जिलों में भी जाएंगे, जहां बीते दिनों ब्राम्हणों की हत्या हुई है। इनमें बस्ती के छात्र नेता आदित्य तिवारी, झांसी के उदैनिया परिवार, लखनऊ में कमलेश तिवारी, मेरठ में मुकेश शर्मा, कन्नौज में अमन मिश्रा, लखीमपुर-खीरी में रमेश मिश्रा और अमेठी में सत्य नारायण शुक्ला हत्याकांड में पीड़ित परिजनों से मिलने जाएंगे। ब्राह्मण चेतना यात्रा के दौरान जितिन प्रसाद पश्चिमी यूपी, बुंदेलखंड और पूर्वांचल के हर हिस्से में पहुचेंगे। इस दौरान वह नेता, अधिवक्ता, पत्रकार, छात्र और महिला जैसे समाज के हर वर्ग से जुड़े लोगों के प्रति अपनी संवेदना जताकर कांग्रेस से हर वर्ग को जोड़ने का प्रयास करेंगे।
…ताकि यूपी में बीजेपी का विकल्प बने कांग्रेसयूपी कांग्रेस कमेटी का बीते दिनों नये सिरे से गठन किया गया था, जिसके बाद से जिलों में जहां पदाधिकारियों को बूथ स्तर पर सक्रिय रहने को कहा गया है, वहीं लंबे समय बाद कांग्रेसी जमीन पर संघर्षरत दिख रहे हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका और यूपी अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू से लेकर पार्टी पदाधिकारी सक्रिय हैं। सोनभद्र नरसंहार कांड, चिन्मयानंद केस और उन्नाव कांड जैसे मामलों पर कांग्रेस ने सरकार का न केवल तीखा विरोध किया, बल्कि जमीनी स्तर सूबे में कांग्रेस ही मुख्य विपक्ष की भूमिका में दिखी। प्रियंका की कोशिश है कि सरकार से मुख्य मुकाबले में कांग्रेस पार्टी ही बनी रही, ताकि राज्य में लोग बीजेपी के विकल्प के तौर पर कांग्रेस को पसंद करें।