शाहबेरी क्षेत्र ग्रेटर नोएडा अथारिटी द्वारा अधिग्रहीत नहीं है। यह गांव हैं इसके बाद भी कैसे चार मंजिला और छः मंजिला इमारतें यहां प्रशासन ने बनने दीं। इन इमारतों के बनने से उनके घरों से पानी निकलने का कोई मार्ग, कोई नाली नहीं है। सरकार ने अभी तक इस सम्बन्ध में किसी भी वरिष्ठ अधिकारी को इंगित नहीं किया है और वरिष्ठ अधिकारी के संज्ञान के इतनी संख्या में गैर कानूनी इमारतें नहीं बन सकती हैं। नोएडा के सांसद एवं भारत सरकार के मंत्री डा0 महेश शर्मा ने घटनास्थल का मुआयना करते हुए यह कहा कि दोषी लोगों को बख्शा नहीं जायेगा।
यह क्षेत्र लाल डोरा क्षेत्र में आता है। लाल डोरा गांव की बसी आबादी को कहते हैं और इस क्षेत्र में मकान के अतिरिक्त सहन, खलिहान आदि के लिए जमीन छोड़ी जाती है और साथ ही जब परिवार बड़ा होता है तो उनके रहने हेतु मकान बनाने हेतु छोड़ा जाता है। गावं के उच्चीकरण के लिए बारात घर, पंचायत घर इत्यादि बनाये जा सकते हैं। परन्तु व्यवसायिक भवन और कई मंजिला इमारतें नहीं बनायी जा सकतीं। क्योंकि न तो सीवरेज सिस्टम होता है और न ही पानी निकासी का कोई मार्ग होता है। ऐसी स्थिति में अगर पानी घरों से निकलेगा तो कहीं न कहीं किसी जगह जाकर शीपेज करेगा और जब लगातार पानी शीपेज करता है तो भवन केा बहुत नुकसान होता है जिसका ज्वलन्त उदाहरण यह 6 मंजिला इमारत गिरने का है। सरकार का पूर्ण दायित्व है कि इस प्रकार की अवैध कालोनी को रोके।