प्रदेश प्रवक्ता के मुताबिक सरकार का इस तरीके से सदन के समय को कम करना और चर्चा से भागना यह साबित करता है कि पिछले बीस माह की भाजपा सरकार उत्तर प्रदेश के जनमानस के प्रति कतई गंभीर नहीं है। यदि 20 माह में सरकार की कोई उपलब्धियां होतीं तो यह विशेष तौर पर चर्चा के लिए सजग होते। प्रवक्ता ने कहा कि सरकार गंभीर मुद्दों जैसे बेरोजगारी, किसानों की समस्या, ध्वस्त कानून व्यवस्था और अभी हाल ही में बुलन्दशहर में भड़के दंगे पर चर्चा से बचने के लिए सत्र को सीमित कर मात्र चार ही दिन में समाप्त करना चाहती है। सरकार लोकतंत्र एवं विधानसभा के प्रति कितनी गंभीर है यह अपने आप में स्वतः स्पष्ट हो जाता है।
पहले दिन शोक प्रस्ताव के बाद कार्यवाही स्थगित
बता दें कि विधानमंडल सत्र मंगलवार से शुरू हो गया है। सत्र के पहले दिन आज समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने सदन के अंदर व सदन के बाहर कानून-व्यवस्था व किसानों की समस्याओं के लेकर हंगामा किया। सदन की कार्यवाही शुरू होने पर भाजपा विधायक राम कुमार वर्मा व पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के निधन पर शोक प्रस्ताव के बाद सदन की कार्रवाई कल 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।