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नोटबंदी और जीएसटी को लेकर प्रदेश की राजनीति को फिर गरमाएगी कांग्रेस, ये है प्लान

locationलखनऊPublished: Oct 24, 2017 06:16:45 pm

Submitted by:

Prashant Srivastava

बीते विधानसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस प्रदेश में अपने संगठन मजबूत करने में जुटी है।

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लखनऊ. बीते विधानसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस प्रदेश में अपने संगठन मजबूत करने में जुटी है। इसी के मद्देनजर कांग्रेस नोटबंदी और जीएसटी के मुद्दे को लेकर फिर आम जनता के बीच जाएगी। दरअसल 8 नवंबर को नोटबंदी के एक साल पूरे हो रहे हैं। इसी के विरोध में कांग्रेस 8 नवंबर के दिन को काला दिवस के रूप में मनाएगी। प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने बताया कि इस दिन देश भर में नोटबंदी के चलते जान गंवाने वाले लोगों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित कर कैंडिल मार्च निकाला जाएगा।
राजबब्बर के मुताबिक, नोटबंदी के फैसले से देश की अर्थव्यवस्‍था और नौकरियों को जो नुकसान पहुंचा है उसके लिए प्रधानमंत्री को देश से माफी मांगनी चाहिए। 8 नवंबर को कांग्रेस पीएम को इस संबंध में ज्ञापन सौंपेगी साथ ही नोटबंदी के दौरान जिन लोगों की जान गई थी उनके परिवारों को 25 लाख की सहायता देने की भी मांग भी करेगी। गौरतलब है कि पिछले साल 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद किये जाने की घोषणा की थी।
रायबरेली में जुट सकता है गांधी परिवार

इन दिनों कांग्रेस प्रदेश भर में इंदिरा गांधी जन्म शताब्दी समारोह के कार्यक्रम आयोजित कर रही है। इसके तहत 4 नवम्बर को रायरबेली में सोनिया गांधी के इस कार्यक्रम में खुद मौजूद रहने की उम्मीद है। 11 नवम्बर को आगरा और इस जन्म शताब्दी समारोह के समापन में 17 नवम्बर को इलाहाबाद में प्रियंका गांधी आ सकती हैं। राहुल गांधी इनमें से किस जगह के कार्यक्रम में जाएंगे इसकी जानकारी अभी नहीं हुई है। हालांकि सूत्रों की मानें तो किसी जगह पूरा परिवार एक साथ दिख सकता है।
इतिहासकार भी होंगे शामिल

कार्यक्रम की जिम्मेदारी कांग्रेस सेवा दल को दी गई है। वहीं छात्रों को इसमें लाने की जिम्मेदारी एनएसयूआई के पदाधिकारियों को मिली है। कार्यक्रम में जेएनयू-बीएचयू के इत‍िहासकार भी शाम‍िल होंगे। बता दें, इंदिरा गांधी जन्म शताब्दी समारोह में वरिष्ठ इतिहासकारों द्वारा इंदिरा गांधी के राजनीति में आने से लेकर उनके सरकार में लिए गए निर्णय और उसकी समीक्षा की चर्चा लोगों के बीच करने की तैयारी है।वरिष्ठ इतिहासकारों में जेएनयू के प्रोफेसर आदित्य मुखर्जी और प्रो. मृदुला मुखर्जी मुख्य रूप से शामिल होंगी। इनके अलावा बीएचयू के इतिहास और राजनीति के प्रोफेसर भी शामिल होंगे।एक जिले के कार्यक्रम में 11 आसपास के जिलों की टीम को बुलाया जा रहा है।
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