बीते दिनों राहुल गांधी की अध्यक्षता में पहली बार कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई थी, जिसमें भारतीय जनता पार्टी को हराने के लिये क्षेत्रीय दलों से कांग्रेस के गठबंधन पर मुहर लगी थी। सियासी गलियारों में अटकलें हैं कि यूपी में बीजेपी को हराने के लिये सपा, बसपा, कांग्रेस और रालोद एक साथ चुनाव लड़ेंगी। सभी दलों के मुखिया गठबंधन की बात भी कह रहे हैं, बावजूद इसके सीटों के बंटवारे का पेंच फंसा है।
महागठबंधन पर फंसा ये पेंच
लोकसभा चुनाव से पहले तीन राज्यों (राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड) में होने वाले विधानसभा के जरिये महागठबंधन की असल परीक्षा होगी। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी भले ही मजबूत स्थिति में नहीं है, लेकिन राजस्थान, मध्य प्रदेश और झारखंड में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है। सपा-बसपा की डिमांड है कि यूपी में वह कांग्रेस को सम्मानजनक सीटें देंगे, बशर्ते कांग्रेस पार्टी को इन दलों से राजस्थान, मध्य प्रदेश और झारखंड में भी न केवल समझौता करना होगा, बल्कि सम्मानजनक सीटें भी देनी होंगी।
लोकसभा चुनाव से पहले तीन राज्यों (राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड) में होने वाले विधानसभा के जरिये महागठबंधन की असल परीक्षा होगी। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी भले ही मजबूत स्थिति में नहीं है, लेकिन राजस्थान, मध्य प्रदेश और झारखंड में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है। सपा-बसपा की डिमांड है कि यूपी में वह कांग्रेस को सम्मानजनक सीटें देंगे, बशर्ते कांग्रेस पार्टी को इन दलों से राजस्थान, मध्य प्रदेश और झारखंड में भी न केवल समझौता करना होगा, बल्कि सम्मानजनक सीटें भी देनी होंगी।
कांग्रेसियों को नसीहत
आम चुनाव में महागठबंधन होगा या नहीं, भविष्य के गर्त में है। इसे देखते हुए कांग्रेस ने अपनी चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं। पार्टी नेतृत्व ने नेताओं और कार्यकर्ताओं को अनर्गल बयानबाजी भी न करने की हिदायद दी है। कहा गया है कि गठबंधन पर दूसरे दलों के नेताओं के भड़काने वाले बयान पर कतई प्रतिक्रिया न दें। कांग्रेस पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है अनायास की गई बयानबाजी, पार्टी को नुकसान हो सकता है।
आम चुनाव में महागठबंधन होगा या नहीं, भविष्य के गर्त में है। इसे देखते हुए कांग्रेस ने अपनी चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं। पार्टी नेतृत्व ने नेताओं और कार्यकर्ताओं को अनर्गल बयानबाजी भी न करने की हिदायद दी है। कहा गया है कि गठबंधन पर दूसरे दलों के नेताओं के भड़काने वाले बयान पर कतई प्रतिक्रिया न दें। कांग्रेस पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है अनायास की गई बयानबाजी, पार्टी को नुकसान हो सकता है।