लखनऊ

उत्तर प्रदेश में “एकता चलो” की नीति पर चलेगी कांग्रेस, पार्टी संगठन में जल्द होगा बड़ा फेरबदल

उत्तर प्रदेश में अब कांग्रेस “एकता चलो” की नीति पर चलने की तैयारी कर रही है।

लखनऊJul 14, 2018 / 11:14 am

Mahendra Pratap

उत्तर प्रदेश में “एकता चलो” की नीति पर चलेगी कांग्रेस, पार्टी संगठन में जल्द होगा बड़ा फेरबदल

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में अब कांग्रेस “एकता चलो” की नीति पर चलने की तैयारी कर रही है और इसी नीति पर चलकर आगे बढ़ेगी। कांग्रेस 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को मद्देनजर रखते हुए महागठबंधन में सम्मान जनक स्थान न मिलने के हालात को देखते हुए इस रणनीति पर काम काम करना शुरू कर दिया है। कांग्रेस अगले 15 दिनों में 7 फ़ीसदी से अधिक जिलों में पार्टी के जिला अध्यक्षों को बदला जा सकता है। जिससे कांग्रेस संगठन को नई जान दी जा सके।

गठबंधन केवल यूपी तक ही सीमित

कांग्रेस पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में चाहे कोई भी पार्टी आगे रहे लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा का विकल्प तो कांग्रेस ही है। बताया जा रहा है कि सपा और बसपा का यूपी में कोई वजूद नहीं रह गया है इसलिए इन दोनों पार्टियों का गठबंधन केवल यूपी तक ही सीमित रहेगा। यूपी के बाहर नहीं।

सपा बसपा सीटें देने के लिए नहीं है तैयार

बताया जा रहा है कि कांग्रेस प्रदेश में केवल 12 सीटें चाहती है। सपा बसपा अभी के हालात में उसे इतनी सीटें देने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं है। इन्हीं सब कारणों से कांग्रेस हाईकमान ने प्रदेश नेतृत्व को संगठन में फेरबदल करने के निर्देश दिए हैं ताकि सक्रिय लोग ही पदाधिकारी रहें और एकता चलो की नीति पर चलकर आगे बढ़ने की चुनौतियों का अच्छी तरह से सामना कर सकें।

राष्ट्रीय मुद्दों पर लड़ा जाता है लोकसभा चुनाव

एकला चलो की नीति के अनुसार यूपी से कुछ ऐसे जिलाध्यक्षों को हटाने का फैसला लिया गया है। जो 2 या 3 साल से जिलाध्यक्षों के पदों पर कब्जा जमाए बैठे हुए हैं, और कार्य के प्रति पूरी तरह से निष्क्रिय भी हैं। इस संबंध में पूछे जाने पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने कहा कि लोकसभा चुनाव राष्ट्रीय मुद्दों पर लड़ा जाता है इसलिए यूपी में महागठबंधन का निर्णय भी राष्ट्रीय नेतृत्व को ही लेना है

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