उन्होंने सम्मेलन में आये उद्योगपतियों को अपने उद्योग पर अधिक जानकारी के साथ विकास करने के लिए विश्वविद्यालयों से जुड़ने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि उद्योग विकास की अधिक सम्भावनाओं के दृष्टिगत वे लोग विश्वविद्यालयों में रिसर्च के विषय उपलब्ध करा सकते हैं।
प्रदेश के उद्योगों की जानकारी विद्यार्थियों तक पहुंचाने पर जोर देते हुए राज्यपाल जी ने एसौचेम के सदस्यों से अपील की कि वे हर विश्वविद्यालय में उस जनपद, उस क्षेत्र के उत्पादों और उत्पादन के बारे में छात्रों को जानकारी देें। एक विश्वविद्यालय में केवल उस क्षेत्र के ही नहीं अपितु दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यार्थी भी आते हैं। इस प्रकार क्षेत्रीय उत्पादों की विशेषताओं की जानकारी और उपयोगिता स्वतः दूर तक पहुँचेगी। राज्यपाल जी ने कहा कि युवाओं का उद्योगों से जुड़ाव देश की अर्थव्यवस्था को और मजबूत करेगा।
समारोह में राज्यपाल जी ने ‘डायरिया नेट जीरो बुलेटिन’ को भी लांच किया।
इस अवसर पर एसोचैम अध्यक्ष, नेशनल एजूकेशन काउंसिल कुवंर शेखर विजेन्द्र ने अपने सम्बोधन में कहा कि एमएसएमई द्वारा एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस के साथ मिलकर नवाचार, अनुसंधान और कौशल विकास के लिये कार्य करना अति महत्वपूर्ण है और यूपी जैसे राज्यों में जहां पर 90 लाख से ज्यादा एमएसएमई और एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस हैं वहां यदि एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस अपने यहां उद्योग के लिए रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट सुविधा का विकास करें तो एमएसएमई विदेशों में भी अपना नाम कर सकेंगी।