दरअसल, सरकारी ठेके की शराब पीने से लोगों के मरने के मामले में शराब ठेकेदार और सेल्समैन पर पुलिस एफआईआर दर्ज कर चुकी है। सेल्समैन और एक राशन कोटेदार को पुलिस ने जेल भी भेज दिया है। इसके पहले 13 नवंबर को घटना बंथरा के रसूलपुर लतीफ़ नगर गांव में जहरीली शराब पीने से मोहम्मद अनीस, राजकुमार और एक अन्य की मौत हो गई। पता चला कि लतीफ़ नगर के सरकारी ठेके से इन्होने शराब ली थी। इन लोगों ने विंडीज नाम की शराब ली थी और राशन कोटेदार ननकऊ के घर में इसे पिया गया। पुलिस ने सूचना के फौरन बाद ननकऊ और शराब ठेके के सेल्समैन को हिरासत में ले लिया।
आबकारी विभाग पर खड़े हुए बड़े सवाल
सरकारी ठेके की शराब से मौतों पर आबकारी विभाग पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। इसके बाद रसूलपुर गांव के निर्मल यादव की इलाज के दौरान सिविल अस्पताल में मौत हो गई। जिलाधिकारी ने पूरे मामले में मजिस्ट्रेटी जांच टीम गठित कर दी है। इसमें एडीएम पूर्वी को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। वहीं प्रशासन की तरफ से शराब के गोदाम को सील कर दिया गया है।
शराब पीने के कारण सुहागनगरी में भाई दूज पर गई दो की जान
सुहागनगरी में भाई दूज की शाम देसी शराब पीकर घर लौटे दो मजदूर दोस्तों की मौत हो गई। परिवार वाले जहरीली शराब से मौत होने का आरोप लगा रहे है। घटना के बाद प्रशासन में खलबली मची हुई है। वहीं पुलिस और प्रशासन जांच की बात कह रहा है। घटनाक्रम के अनुसार खैरगढ़ के गांव शेखपुरा निवासी नबी चंद्र पुत्र राजेंद्र सिंह (30) और उसका दोस्त संजय पुत्र विजय पाल (32) दोनों आपस में रिश्तेदार थे और नगला भाऊ स्थित कांच कारखाने में काम करते थे। दीपावली पर पांच दिनों की छुट्टी होने पर दोनों घर पर थे। आबकारी विभाग का कहना है कि इस गांव में शराब का कोई ठेका नहीं है, या तो इन लोगों ने अत्यधिक शराब का सेवन किया अथवा शराब के साथ किसी दवाई का भी सेवन किया गया हो। वहीं डीएम चंद्रविजय सिंह ने एसडीएम शिकोहाबाद को जांच के लिए भेजा है।