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वैज्ञानिक और डॉक्टर मिलकर करेंगे प्राकृतिक तरीके से घुटने को रिपेयर

locationलखनऊPublished: May 23, 2019 10:04:19 am

Submitted by:

Karishma Lalwani

आईआईीटी के बायोलॉजिकल साइंस एंड बायोइंजिनियरिंग विभाग और जीएसवीएम मोडिकल कॉलेज के ऑर्थोपेडिक सर्जरी विभाग के बीच करार हुआ है

knee implant

वैज्ञानिक और डॉक्टर मिलकर करेंगे प्राकृतिक तरीके से घुटने को रिपेयर

लखनऊ. अब खराब हुए घुटनों को जीएमवीएम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर और आईआईटी के वैज्ञानिक मिलकर रिपेयर करेंगे। खराब हुए घुटनों को विशेष तकनीक से कार्टिलेज दोबारा बननी शुरू हो जाएगी। इससे घुटना प्रत्यारोपण नहीं करना पड़ेगा। आईआईीटी के बायोलॉजिकल साइंस एंड बायोइंजिनियरिंग विभाग और जीएसवीएम मोडिकल कॉलेज के ऑर्थोपेडिक सर्जरी विभाग के बीच करार हुआ है।
ऑर्थोपेडिक सर्जरी विभाग के डॉ. प्रग्नेश कुमार के मुताबिक आईआईटी के वैज्ञानिक घुटना प्रत्यारोपण करने के बाद निकाला हुआ ओरिजनल घुटना लेंगे। उसके कार्टिलेज का प्रयोगशाला में परीक्षण किया जाएगा। विशेष प्रक्रिया के बाद उसमें कार्टिलेज बनने लगी। इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए एक विशेष प्रकार की दवा का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह प्रक्रिया उऩ मरीजों पर अपनाई जाएगी, जो धुटना धिसने की बीमारी से पीड़ित हैं। घिसे हुए घुटने को दोबारा कार्टिलेज कोशिकाओं से बनाया जाएगा।
नेचुरल तरीके से ठीक होगा घुटना

डॉक्टर कुमार के मुताबिक यह आसान और सस्ती प्रक्रिया है। अन्य अस्पताल के मुकाबले यहां खर्चा भी उतना नहीं आएगा। मरीजों को घुटना प्रत्यारोपण के लिए डेढ़ से दो लाख खर्च करने पड़ते हैं। उससे बचत हो जाएगी। मरीजों का घुटना नेचुरल तरीके से ठीक होगा।
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