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लालजी टंडन की किताब पर बढ़ा विवाद, कांग्रेस ने कहा माफी मांगें टंडन जी

locationलखनऊPublished: Jun 15, 2018 08:44:07 pm

Submitted by:

Prashant Srivastava

बीजेपी के पूर्व सांसद लाल जी टंडन की किताब ‘अनकहा लखनऊ’ पर विवाद बढ़ गया है।

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लालजी टंडन की किताब पर बढ़ा विवाद, कांग्रेस ने कहा माफी मांगें टंडनी जी

लखनऊ. बीजेपी के पूर्व सांसद लाल जी टंडन की किताब ‘अनकहा लखनऊ’ पर विवाद बढ़ गया है। दरअसल कांग्रेस ने कहा है इस किताब के तथ्य अधिकांश झूठ ही नहीं बल्कि महान देशभक्तों को अपमानित करने से भरा पड़ा है। कांंग्रेस के मुताबिक, बीजेपी-आरएसस आजादी के इतिहास को बदलने एवं महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को अपमानित करने का कुत्सित प्रयास कर रही है। क्योंकि आजादी का इतिहास कांग्रेसियों से भरा पड़ा है तथा संघ के लोगों की भूमिका अंग्रेजों के समर्थकों के रूप में रही है। कांग्रेस प्रवक्ता कृष्णकान्त पाण्डेय ने लाल जी टंडन की किताब पर सवाल उठाते हुए उनसे माफी मांगने को कहा है। बता दें कि पिछले दिनों इस किताब का विमोचन उप राष्ट्रपति द्वारा राजधानी लखनऊ में किया गया था।
पत्रिका ने बताया था किताब के बारे में

बता दें कि इस किताब की खबर सबसे पहले पत्रिका ने लिखी थी जिसमें किताब में उठाए गए मुद्दों का जिक्र था। लाल जी टंडन ने अपनी किताब में लखनऊ का नाम लखनपुरी होने का दावा किया है और इस बात के साक्ष्य पेश किए हैं कि लखनपुरी राम के भाई लक्ष्मण द्वारा बसाई गई थी। किताब में टंडन कहते हैं-लखनऊ एक शहर और बाजार नहीं, ये गुम्बद-ए-मीनार नहीं, इसकी गलियों में मोहब्बत के फूल खिलते हैं, इसके कूचों में फरिश्तों के पत्ते मिलते हैं। उन्होंंने अपनी किताब में यह साबित करने का प्रयास किया है कि लखनऊ में नवाबों का साम्राज्य केवल 100 साल का है जबकि लक्ष्मण ने इसे चार हजार साल पहले बसाया था और इसका नाम लक्ष्मणपुरी था।
जानें कांग्रेस ने क्या लगाया आरोप

कांग्रेस प्रवक्ता कृष्णकान्त पाण्डेय के मुताबिक, लाल जी टंडन की किताब ‘अनकहा लखनऊ’ के पेज 189 में वर्णित है कि गोविन्द बल्लभ पन्त ने काकोरी काण्ड के नायकों का मुकदमा फीस के चक्कर में लड़ने से मना कर दिया था। यह पूर्वाग्रह से ग्रसित एक षडयंत्र के तहत जानबूझकर महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, ‘भारत-रत्न’ एवं उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री पं0 गोविन्द वल्लभ पंत जी की छवि कलंकित करने का दुष्चक्र है जिसके लिए लालजी टण्डन सहित मंच पर उपस्थित लोगों को देश से माफी मांगनी चाहिए।
कृष्णकान्त पाण्डेय ने कहा कि महान देशभक्त गोविन्द बल्लभ पन्त की गरिमा को खण्डित करने के लिए यह तथ्यहीन कहानी प्रस्तुत की गयी है। सही तथ्य यह है कि काकोरी के नायकों का मुकदमा लड़ने वाले वकीलों में पं0 गोविन्द बल्लभ पन्त सर्वोपरि रहे जो उन दिनों पं0 मोतीलाल नेहरू के जूनियर वकील हुआ करते थे।
कांग्रेस प्रवक्ता कृष्णकान्त पाण्डेय के मुताबिक, जीपीओ पार्क पर एक शिलापट लगा है जिसमें काकोरी के नायकों के साथ-साथ उनका निःशुल्क मुकदमा लड़ने वाले वकीलों का भी नाम उद्धृत है जिसमें पंडित गोविन्द वल्लभ पंत नाम दूसरे नम्बर उल्लिखित है। जिस पन्त जी की देशभक्ति पर अंग्रेजी हुकूमत के नुमाइन्दे भी सवाल नहीं खड़ा कर सके वह दुष्कर्म लालजी टण्डन जी ने करने का कुप्रयास किया है। प्रवक्ता ने कहा कि सम्बन्धित पुस्तक के लेखक श्री लालजी टण्डन, सम्पादक, विमोचकगण को अवश्य इस कृत्य के लिए नैतिक आधार पर देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।
राहुल गांधी ने किसानों के नेता को लिखा पत्र

उत्तर भारत की चीनी मिलों से सम्बन्धित किसानों पर आये भुगतान के संकट को लेकर किसानों के प्रति सहानुभूति प्रकट करते हुए कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने गन्ना किसानों के नेता वीएम सिंह को पत्र लिखकर कांग्रेस पार्टी का गन्ना किसानों के प्रति समर्थन प्रकट करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार चीनी मिल मालिकों की तो मदद कर रही है लेकिन सिर्फ यूपी में ही गन्ना किसानों का मिलों पर लगभग 12-13हजार करोड़ रूपये बकाया भुगतान दिलाये जाने हेतु कोई सार्थक प्रयास नहीं कर रही है।

प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता वीरेन्द्र मदान ने बताया कि राहुल गांधी ने भेजे पत्र में कहा है कि बहुत दुख का विषय है कि सरकार सिर्फ गन्ना मिल मालिकों की मदद कर रही है। गन्ना मिलों के नुकसान की पूर्ति एवं गन्ना किसानों के पूरे देश में बकाये भुगतान के लिए 7000 करोड़ रूपये दिये जाने का प्रस्ताव पास किया है, जबकि यूपी में ही गन्ना किसानों का मिलों पर लगभग 12-13हजार करोड़ रूपये बकाया, लेकिन उसमें भी अब तक किसानों को कुछ नहीं मिला। उन्होने कहा कि मैं सरकार के इस कृत्य की निन्दा करता हूं और मांग करता हूं कि किसानों को सरकार तत्काल समुचित राहत प्रदान करे।

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