दरअसल, रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक जोशी को यूपी विधानसभा चुनाव के लिए टिकट नहीं दिया था। इस बात से नाराज उन्होंने भाजपा छोड़ समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर ली थी। बातों ही बातें में संजय निषाद ने भाजपा सांसद पर तंज कसा है।
‘राजनीतिक रूप से बेटे को साथ रखें रीता बहुगुणा जोशी’ रीता बहुगुणा जोशी पर कमेंट करते हुए संजय निषाद ने कहा, ‘मैं तो सलाह दूंगा कि पहले परिवार को संभालें, राजनीतिक अनुशासन बनाएं और राजनीतिक रूप से बेटे को अपने साथ रखने का काम करें।’ उन्होंने आगे कहा कि जो कमियां रहेंगी उसके बारे में जरूर बात करूंगा। उनके बेटे के इधर-उधर जाने से छवि ज्यादा खराब हुई है और उसे सुधारने की दिशा में काम होना चाहिए।
क्या है किताब में दरअसल, रीता बहुगुणा जोशी ने किताब में इंदिरा गांधी की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। किताब में कहा है कि इंदिरा गांधी उनके पिता हेमवती नंदर बहुगुणा के सियासी कद और लोकप्रियता से घबराती थीं। इंदिरा को इस बात का डर था कि एच एन बहुगुणा उन्हें हटाकर देश के प्रधानमंत्री बन सकते हैं। इसी वजह से कई बार उनके पिता के खिलाफ साजिशें भी रची गईं। किताब के जरिये मेगास्टार अमिताभ बच्चन और पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह की सियासी समझ पर भी सवाल खड़े किए गए हैं।