और क्या हैं दिशा-निर्देश? इसी तरह 18 साल से कम उम्र के बच्चों व किशोरों के लिए एंटीवायरल या मोनोक्लोनल एंटीबाडी का उपयोग करने की सिफारिश नहीं की जाती है, भले ही कोरोना संक्रमण की गंभीरता कुछ भी हो। यदि स्टेरायड का उपयोग किया भी जाता है, तो उन्हें 10 से 14 दिन तक डाइल्यूट (पतला) करके देना चाहिए। बच्चों और किशोरों (18 वर्ष से कम) के लिए कोरोना प्रबंधन के लिए संशोधित व्यापक दिशा-निर्देश में, कोरोना के मामलों में, खासकर ओमिक्रोन के कारण, वर्तमान में आए उछाल को देखते हुए विशेषज्ञों के एक समूह ने दिशा-निर्देशों की समीक्षा की है।
एसिम्टोमैटिक यानि बिना लक्षणों व हल्के मामलों में, इलाज के लिए रोगाणुरोधी दवाओं की सिफारिश नहीं की जाती है। मध्यम और गंभीर मामलों में, रोगाणुरोधी दवाओं को तब तक नहीं दिया जाना चाहिए जब तक कि एक अति गंभीर संदेह संक्रमण का संदेह न हो।
दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि स्टेरायड का इस्तेमाल एसिम्टोमैटिक और हल्के मामलों में हानिकारक है। उन्हें केवल अस्पताल में भर्ती गंभीर और गंभीर रूप से बीमार कोरोना मामलों में सख्त निगरानी में दिया जाना चाहिए है। स्टेरायड का इस्तेमाल सही समय पर, सही खुराक में और सही अवधि के लिए होना चाहिए। लक्षणों की शुरुआत के बाद से पहले तीन से पांच दिनों में स्टेरायड से बचना चाहिए क्योंकि यह वायरल शेडिंग को बढ़ाता है।