आशा कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि वह अपने क्षेत्र के सभी घरों का भ्रमण करें और ऐसे घरों को चिन्हित करें (लाइन लिस्टिंग) जहाँ 14 दिनों के भीतर अन्य राज्यों या शहरों से लोग आये हैं । ऐसे लोगों की भी लाइन लिस्टिंग करें जो किसी कोरोना संक्रमित के संपर्क में आये हों । ऐसे लोगों व परिवारों की सूची आशा कार्यकर्ता आशा संगिनी के माध्यम से ब्लाक कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर (बीसीपीएम) को दें, जिसे वह अपलोड करेंगे ताकि उसको ब्लाक, जिला व मंडल से लेकर प्रदेश स्तर तक के अधिकारी देख सकें । इसके अलावा वह कोरोना के संदिग्ध केसों की पहचान कर समय से रेफर करने का भी काम करेंगी । होम क्वेरेनटाइन किये गए लोगों का फालो-अप करेंगी । आशा कार्यकर्त्ता पिछले 15 दिनों के भीतर बाहर की यात्रा करने वालों पर भी नजर रखेंगी । इसके साथ ही 60 साल से अधिक उम्र के लोगों और पहले से ही डायबिटीज, हाईपरटेंशन, हृदय और स्वसन सम्बन्धी बीमारी से ग्रसित लोगों के घरों का प्राथमिकता पर भ्रमण करेंगी । ग्रामीण आशा कार्यकर्ताओं को प्रतिदिन 25 से 30 घरों का भ्रमण करना होगा ताकि आठ कार्य दिवसों में वह अपने कार्यक्षेत्र का गृह भ्रमण पूर्ण कर सकें । शहरी क्षेत्र की आशा कार्यकर्ताओं को 16 कार्यदिवसों में अपने कार्य क्षेत्र में गृह भ्रमण का कार्य पूर्ण करना है । यदि किसी कार्य क्षेत्र में आशा नहीं हैं तो अन्य किसी कर्मी/वालंटियर के द्वारा कार्य कराया जाएगा । इसके अलावा संदिग्ध केसों के घरों का फालो-अप करेंगी, यदि किसी में सांस फूलने की शिकायत है तो इसकी जानकारी फोन पर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी/ चिकित्सा अधीक्षक को देंगी । जांच में पाजिटिव मिले केसों की भी जानकारी रखेंगी । आशा के कार्यों का सत्यापन आशा संगिनी करेंगी और जहाँ आशा संगिनी नहीं हैं वहां एएनएम सत्यापन करेंगी।
जागरूक भी करेंगी लोगों को
गृह भ्रमण के दौरान आशा कार्यकर्ता परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य जैसे- बुखार, खांसी या सांस लेने में तकलीफ के बारे में जानकारी लेंगी और परिवार के किसी भी सदस्य में इस तरह के लक्षण हैं तो उन्हें जरूरी सावधानी बरतने के बारे में बतायेंगी, जैसे-
– आप 14 दिनों तक घर में ही रहें । बाहर से आये व्यक्ति में यह लक्षण नजर आयें तो वह 14 दिनों तक अलग कमरे में रहें, अलग बिस्तर और अलग बर्तन का उपयोग करें ।
– परिवार के अन्य सदस्यों को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए उनसे दो मीटर (पांच हाथ) की दूरी बनाकर रखें ।
– यदि बुखार, खांसी या सांस लेने में तकलीफ हो तो तुरंत आशा से संपर्क ।
– हाथों को बार-बार साबुन-पानी से अच्छी तरह से धोएं ।
– चेहरे, आँख, नाक, कान और मुंह को बार-बार न छुएँ ।
– खांसते-छींकते समय नाक-मुंह को रुमाल या साफ़ कपडे से ढकें ।
गृह भ्रमण के दौरान सुरक्षित दूरी बनाए रखें-
– आशा कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि गृह भ्रमण के दौरान वह लोगों से कम से कम एक मीटर की दूरी बनाये रखें । किसी प्रकार की भीड़ न लगने दें और लोगों को भी इस बारे में बताएं ।
– गृह भ्रमण से पहले और बाद में आशा साबुन-पानी से अच्छी तरह से हाथ धोएं ।
– इस दौरान परिवार के दरवाजे की कुण्डी या ऐसे स्थान जहाँ लोगों के बार-बार हाथ लगने की सम्भावना हो, को न छुएं।