इस सिस्टम के तहत न सिर्फ प्राइमरी शिक्षक ही आएंगे बल्कि प्रिंसिपल भी इसके दायरे में होंगे। सभी को स्व मूल्यांकन कर खुद बताना होगा कि उन्होंने कितना काम किया है। इंक्रीमेंट के लिये इन्हें 15 अप्रैल तक मानव संपदा पोटल पर जाकर सेल्फ इवैल्युएशन फाॅर्म भरना होगा। इसमें नौ मानक तय किये गए हैं। इन्हीं मानकों के आधार पर प्वाइंट्स मिलेंगे और जो प्रमोशन भी दिलाएंगे और वेतन भी बढ़वाएंगे। सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक पहले यह प्रक्रिया ऑफलाइन थी। इसे प्रखंड और जिला स्तर पर अधिकारियों द्वारा पूरा किया जाता था। इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा था।
सेल्फ इवैल्युएशन फाॅर्म में नाै मानक दिये गए हैं। इन्हीं मानकों के आधार पर शिक्षकों को प्वाइंट्स दिये जाएंगे। कुल प्वाइंट्स जोड़कर उसके आधार पर वेतन बढ़ाया जाएगा। सात मानक तो शिक्षकों और प्रिंसिपल्स के लिये एक ही हैं, जबकि दो मानक केवल प्रिंसिपल के लिये अलग हैं
शिक्षकों के लिये मानक
स्कूल में उनके द्वारा किये गए नामांकन और आउट ऑफ स्कूल बच्चों की संख्या, प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भागीदारी, दीक्षा पोर्टल पर उनकी सक्रियता, स्कूल मैनेजमेंट कमेटी की बैठकों में भागीदारी, छात्रों द्वारा इालइब्रेरी का इस्तेमाल के आधार पर प्वाइंट्स मिलेंगे। इसके अलावा ‘निष्ठा’ के तहत सभी प्रशिक्षणों में हिस्सा लेने वालों कोपूरे 10 प्वाइंट्स मिलेंगे।
प्रिंसिपल्स के मानक
‘कायाकल्प’ योजना के तहत स्कूल में इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं के बारे में जानकारी देनी होगी। योजना के मुताबिक 14 सुविधाएं होने पर 10 प्वाइंट्स मिलेंगे। इसके अलावा छात्रों के रिपोर्ट कार्ड जारी किये जाने के आधार पर भी 10 प्वाइंट्स मिलेंगे।