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भर्ती में हुए भ्रष्टाचार की सूचना छिपा रहे थे मुरादाबाद के संयुक्त शिक्षा निदेशक

locationलखनऊPublished: Sep 10, 2017 09:14:00 pm

Submitted by:

Laxmi Narayan

नियुक्तियों में पारदर्शिता न होने एवं चयन प्रक्रिया दूषित होने के कारण सभी पदों पर किया गया चयन निरस्त व अमान्य किया गया।

Moradabad news
लखनऊ. मुरादाबाद के रहने वाले पवन अग्रवाल ने सूूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के तहत संयुक्त शिक्षा निदेशक द्वादश मण्डल मुरादाबाद को दिनांक 26.06.2015 को आवेदन-पत्र देकर कुछ सूचनाएं मांगी थी। इस आवेदन में उनके अपने पत्र दिनांक 20.06.2015 व 10.06.2015 पर अब तक की गई कार्यवाही का विवरण माँगा गया था। प्रार्थी का आवेदन-पत्र किस अधिकारी उस कर्मचारी के पास जांच के लिए कितने समय तक लम्बित रहा और प्रकरण के सम्बन्ध में कौन-कौन से कर्मचारी दोषी है व उन पर क्या कार्यवाही की गयी है, समेत कई बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई थी।
इस सम्बन्ध में विभाग द्वारा वादी को कोई जानकारी उपलब्ध नहीं करायी गयी तो अधिनियम के तहत सूचना न मिलने पर वादी ने एक्ट के तहत राज्य सूचना आयोग में अपील दाखिल कर सम्बन्धित मामले की जानकारी प्राप्त करनी चाही । राज्य सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान ने संयुक्त शिक्षा निदेशक द्वादश मण्डल मुरादाबाद को सूचना अधिकार अधिनियम-2005 की धारा 20 (1) के तहत नोटिस जारी कर आदेशित किया कि वादी द्वारा उठाये गये बिन्दुओं की सूचना 30 दिन के अन्दर समस्त अभिलेखों सहित अनिवार्य रूप से आयोग के समक्ष पेश करें, जिससे प्रकरण में अन्तिम निर्णय लिया जा सके, अन्यथा जनसूचना अधिकारी स्पष्टीकरण देंगे कि वादी को सूचना क्यों नहीं दी गयी है और क्यों न उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जाये।
संयुक्त शिक्षा निदेशक द्वादश मण्डल मुरादाबाद से अनवर हुसैन उपस्थित हुए। उनके द्वारा आयोग को बताया गया कि प्रबन्धक द्वारा नियुक्तियों के सम्बन्ध में अपनायी गयी चयन प्रक्रिया नियमों व निर्देशों का जानबूझकर उल्लंघन अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति करने, चयन प्रक्रिया दूषित होने, मण्डलीय समिति द्वारा वेतन अनुमन्यता निर्गत होने से पूर्व तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा प्रबन्धक द्वारा की गयी नियुक्तियों का अनुमोदन प्रदान करने के कारण अनुमन्यता निर्गत किया जाना औचित्यपूर्ण है। प्रबन्धक द्वारा सम्बद्ध प्राईमरी अनुभाग में रिक्त पदों पर की गयी नियुक्यिाॅ, जिसमें राजीव यादव, राम किशोर सिंह, रविन्द्र सिंह, रमेश चन्द्र, अंजू रूहेला को नियुक्त किया गया, की नियुक्तियों में पारदर्शिता न होने एवं चयन प्रक्रिया दूषित होने के कारण सभी पदों पर किया गया चयन निरस्त व अमान्य किया गया। यह जानकारी प्रतिवादी ने आयोग को दी है।

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