पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा 30 अगस्त को मन की बात रेडियो कार्यक्रम में खिलौना उद्योग की चर्चा के बाद अचानक यह उद्योग लोगों की जुबां पर आ गया है। पीएम की मंशा को यूपी के संदर्भ में देखें तो यहां व्यापक संभावनाएं नजर आती हैं। झांसी, वाराणसी, आजमगढ़, गोरखपुर, चित्रकूट जैसे शहरों में लकड़ी, मिट्टी, टेराकोटा आदि के खिलौने पारंपरिक रूप से बनते हैं। इसे समझते हुए ही प्रदेश में सरकार बनते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जो एक जिला एक उत्पाद योजना बनाई, उसके तहत झांसी के खिलौना उद्योग को इसमें शामिल किया गया है।
सरकार प्रदेश में निवेश को आकर्षित करने के लिए लगातार अवस्थापना सुविधाएं और नीतियों पर काम कर रही है। इसी क्रम में खिलौना नीति पर भी विचार शुरू हुआ, क्योंकि अभी तक देश के किसी राज्य में ऐसी अलग से नीति नहीं है। इसका ड्राफ्ट भी एमएसएमई विभाग ने तैयार कर लिया है, जो संबंधित उद्यमियों को भी सुझाव के लिए भेजा गया है। जल्द ही नीति को स्वीकृति के लिए कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। इसके साथ ही यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे टॉय सिटी भी स्थापित करने की योजना है। एमएसएमई विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. नवनीत सहगल ने कहा कि पिछले दिनों दिल्ली के कुछ बड़े खिलौना उद्यमी आकर मिले थे। करीब 70 उद्यमी यहां यूपी में इकाई लगाना चाहते हैं। हमने पॉलिसी का फौरी ड्राफ्ट बना लिया है, जिस पर विचार चल रहा है। सक्षम स्तर से स्वीकृति मिलने के बाद उसे कैबिनेट में स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। देश की पहली टॉय सिटी यूपी में बनाने की योजना है।
सरकार से मिलेगी यह सुविधा
यूपी में सरकार द्वारा उद्यमियों को डिजाइन स्टूडियो, टेस्टिंग लैब की सुविधा दी जाएगी और रियायती दर पर जमीन सहित एमएसएमई एक्ट के तहत उद्योग लगाने में आसानी होगी। इसके साथ ही यूपी सरकार द्वारा प्लास्टिक, बैटरी, इलेक्ट्रॉनिक खिलौने बनाने के लिए कच्चे माल की भी व्यवस्था बनाई जाएगी। देश-विदेश की प्रदर्शनियों में भागीदारी करने के लिए भी सरकार द्वारा मदद दी जाएगी।