कोविड-19 से निपटने के लिए प्रदेश सरकार के प्रयासों में सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से विभाग के सभी अधिकारियों, शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों एवं कर्मचारियों ने अपना एक दिन का वेतन स्वैच्छिक दिया है। योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार उपलब्ध संसाधनों के माध्यम से इस आपदा के दौरान जरूरतमंदों की मदद के साथ स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने का कार्य कर रही है।
यूपी सीेम योगी ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लंबी है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को मजबूत करना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि कोविड केयर फंड के माध्यम से राज्य के मेडिकल कॉलेजों में टेस्टिंग लैब की संख्या बढ़ाने का काम किया जाएगा। क्वारंटाइन वार्ड, आइसोलेशन वार्ड और वेंटिलेटर की व्यवस्था करने के साथ एन-95 मास्क, पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट और सैनिटाइजर बनाने की कार्ययोजना भी तैयार की जाएगी। कोविड-19 के बेहतर उपचार के लिए हर जिले में लेवल-1, 2 व 3 के अस्पतालों की श्रृंखला बनाई जाएगी। इस फंड में सरकार तो मदद देगी ही, जनता के अलावा कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व के तहत औद्योगिक घरानों से भी सहायता ली जाएगी।
प्रदेश में तीन दिन में 1.6 करोड़ परिवारों को मिला राशन
देश में कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन के दौरान एक अप्रैल से शुक्रवार तक के तीन दिनों में कुल 1.6 करोड़ परिवारों को राशन वितरित किया जा चुका है। शुक्रवार को खाद्य एवं रसद विभाग ने रात आठ बजे तक 57.91 लाख परिवारों के 2.46 करोड़ लोगों के लिए राशन उपलब्ध कराकर नया कीर्तिमान बनाया। दो अप्रैल को भी 55.61 परिवारों को राशन वितरण का रिकार्ड बना था, जो एक दिन में ही टूट गया। विषम परिस्थितियों के बावजूद एक अप्रैल से अब तक कुल 1.6 करोड़ परिवारों के 6.73 करोड़ लोगों को 3,96,540 मीट्रिक टन राशन दिया जा चुका है, जिसमें 63.2 लाख श्रमिक परिवारों के 2.47 करोड़ लोगों को निशुल्क राशन दिया जा चुका है।
एक अप्रैल से प्रारंभ सामान्य वितरण व्यवस्था 12 अप्रैल को समाप्त हो जाएगी। 12 अप्रैल को वह कार्डधारक भी प्रॉक्सी के माध्यम से राशन ले सकेंगे, जिनका आधार प्रमाणीकरण संभव नहीं है। 15 अप्रैल से निश्शुल्क वितरण शुरू किया जाएगा, जिसमें सभी कार्डधारकों को उनके राशन कार्ड में दर्ज सदस्यों के आधार पर प्रति व्यक्ति पांच किलो चावल निशुल्क वितरण किया जाएगा।