100 बेड वाला पीडियाट्रिक अस्पताल कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के लिए सबसे ज्यादा खतरा बताया गया है। इसलिए प्रदेश भर में पीडियाट्रिक आईसीयू बनाए जा रहे हैं। लोकबंधु अस्पताल में भी 100 बेड वाला पीडियाट्रिक बेड बनाया गया है। इसमे से 14 बेड पीकू यानी पीडियाट्रिक आईसीयू के हैं। सभी पर वेंटिलेटर की व्यवस्था है। जब पीडियाट्रिक आईसीयू बनाने पर विचार हुआ तो तय किया गया कि यह वार्ड इस तरह बनाए जाएंगे कि बच्चे में कोरोना को लेकर नकारात्मकता कम किया जा सके। अगर कोई बच्चा यहां एडमिट होता है तो वो बड़े लोगों की तरह सिर्फ अपने बेड तक सीमित नही रहेगा। वो कमरे से बाहर भी आएगा।
घर जैसा माहौल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी के अनुसार बच्चे परेशान न हों और उन्हें खेलने का मौका मिले इसलिए वार्ड को विशेष रूप से तैयार कराया है। बच्चों को घर जैसा माहौल मिलेगा। इसके लिए दीवारों, दरवाजों, खिड़कियों पर कार्टून कैरक्टर्स बनवाये गए हैं। बच्चों के लिए खिलौने और ड्राइंग बुक्स, क्रेयॉन्स का भी इंतजाम किया गया है ताकि बच्चों को अच्छा माहौल मिल सके जिससे कि उनकी रिकवरी जल्द हो सके।
एक दिन में आए 294 नए केस उत्तर प्रदेश में कोरोना के मामलों में लगातार उतार चढ़ाव देखा जा रहा है। शनिवार को प्रदेश सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार 294 नए केस आए हैं। शुक्रवार नए संक्रमितों की संख्या 291 थी। एक दिन में 2,73,426 लोगों की कोरोना टेस्टिंग की गई, जिसके चलते प्रदेश में कोरोना टेस्टिंग का कुल ग्राफ 5.5 करोड़ तक पहुंच गया है। वहीं 592 मरीज ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हुए हैं। जिसके चलते कोरोना से सक्रिय मामलों का ग्राफ शनिवार को 4957 तक पहुंच गया। यूपी में कोरोना का रिकवरी रेट 98.4 प्रतिशत दर्ज किया गया है।