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प्रदूषण को देखते हुए इस बार पटाखों पर लग सकता है प्रतिबंध, एनजीटी ने यूपी समेत चार राज्यों को भेजा नोटिस

locationलखनऊPublished: Nov 04, 2020 09:22:10 am

Submitted by:

Karishma Lalwani

– एनजीटी ने दिवाली पर पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का किया अनुरोध
– उत्तर प्रदेश समेत चार राज्यों को भेजा नोटिस
– कोरोना महामारी के दौरान खतरनाक हो सकता है प्रदूषण
– बढ़ सकती है मृत्यु दर

प्रदूषण को देखते हुए इस बार पटाखों पर लग सकता है प्रतिबंध, एनजीटी ने यूपी समेत चार राज्यों को भेजा नोटिस

प्रदूषण को देखते हुए इस बार पटाखों पर लग सकता है प्रतिबंध, एनजीटी ने यूपी समेत चार राज्यों को भेजा नोटिस

लखनऊ. इस बार की दिवाली फीकी पड़ सकती है। पहले कोरोना ने त्योहारों के रंग में भंग डाला और अब बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिवाली पर पटाखों पर प्रतिबंध लगाए जाने का अनुरोध किया गया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने केंद्रीय पर्वावरण एवं मंत्रालय के साथ ही चार राज्य की सरकारों से अनुरोध किया है कि इस बार पटाखों पर रोक लगाई जाए। एनजीटी ने पर्यवारण एवं वन मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उत्तर प्रदेश के साथ-साथ दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी, दिल्ली पुलिस आयुक्त, हरियाणा और राजस्थान की सरकारों से 30 नवंबर तक पटाखों पर प्रतिबंध लगाने की अपील है और इस मसले पर उनका जवाब मांगा है।
कोरोना महामारी में खतरनाक हो सकता है प्रदूषण

ट्रिब्यूनल ने वरिष्ठ अधिवक्ता राज पंजवानी और शिवानी घोष को इस मामले में सहयोग के लिए न्याय मित्र के तौर पर नियुक्त किया है। प्रदेश में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। यह खतरनाक स्थिति में पहुंच सकता है। पिछले वर्ष भी प्रदूषण का स्तर भयावह स्थिति में था। खासतौर से दिल्ली में स्मॉग के कारण विजिबिलिटी न के बराबर हो गई थी। इस वर्ष प्रदूषण के अलावा कोरोना वायरस को भी देखते हुए पटाखों पर प्रतिबंध लगाने पर विचार किया जा रहा है। कोरोना महामारी के बीच प्रदूषण और खतरनाक हो सकता है। इससे बचने के लिए इंडियन सोशल रेस्पांसिबिलिटी नेटवर्क ने एनजीटी के समक्ष याचिका देकर एनसीआर में पटाखों पर प्रतिबंध के लिए कदम उठाने की अपील की है।
बढ़ सकती है मृत्यु दर

याचिका में कहा गया कि कोरोना से संक्रमित लोगों पर प्रदूषण का दुष्प्रभाव ज्यादा याचिका में कहा गया है, ‘प्रदूषण बढ़ने से ऐसे लोगों पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है, जिन पर पहले से ही कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा है। साथ ही इससे मृत्यु दर भी बढ़ सकती है।

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