मंत्री बलदेव सिंह औलख ने बताया कि कृषकों की आय दुगुनी करने की दिशा में एवं आपदा के समय कृषकों की आय को स्थिर रखने में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एक महत्वपूर्ण स्तम्भ है। यह कृषकों को किसी भी प्रकार की दैवीय आपदा के विरूद्ध उनकी अधिसूचित फसलों को बीमा कवर प्रदान करते हुए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। यह योजना किसानों को कृषि क्षेत्र में नवीन तकनीक, आधुनिक संसाधन एवं उन्न्त किस्म के बीजों का उपयोग कर उत्पादन को बढ़ाये जाने हेतु प्रोत्साहित करती हैं। इस प्रकार बीमित कृषक न केवल अपनी आय में वृद्धि करता है बल्कि प्रदेश एवं देश की खाद्यान्न सुरक्षा में अपने योगदन की प्रमुखता को बनाये रखता है।
डा० देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव, कृषि ने कहा कि देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर भारत सरकार द्वारा संचालित कराये जा रहे “आजादी का अमृत महोत्सव”‘ अभियान के अन्तर्गत 01 जुलाई से 07 जुलाई. 2022 तक आयोजित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना कार्यक्रम की सफलता के लिए हृदय से अपनी शुभकामनाएं ज्ञापित करता हूँ। इसके साथ मैं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को अपनाने वाले कृषकों को भी हृदय से बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूँ तथा उनके प्रति आभार प्रकट करते हुए आवाहन करता हूँ कि प्रदेश के सभी कृषक योजना अंतर्गत आच्छादित होकर प्राकृतिक आपदाओं से अपनी फसल को सुरक्षा प्रदान करें।
उन्होंने यह भी बताया गया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को स्वैच्छिक कर दिया गया है, जो किसान भाई अपनी फसल बीमा नहीं कराना चाहतें हैं, उनको खरीफ मौसम के अंतर्गत बीमा कराने की अन्तिम तिथि 31 जुलाई के 07 दिन पूर्व अपनी बैंक शाखा में जाकर बीमा नहीं करने विषयक प्रार्थना पत्र देना होगा अन्यथा की दशा में बैँंक द्वारा उनके खाते से पैसा काटते हुए कृषक के फसल का बीमा कर दिया जायेगा। साथ ही बीमा कम्पनियों को निर्देशित किया गया है कि वह असफल बुआई, मध्यावस्था क्षतिपूर्ति एवं व्यक्तिगत आधार पर प्राप्त प्रार्थना पत्रों का त्वरित गति से समयान्तर्गत सर्वे पूर्णकर क्षतिपूर्ति की कार्यवाही करें। साथ ही अन्य क्षतिपूर्ति को भी समय से कृषकों को उपलब्ध करायें।