सीएम योगी के निर्देश के बाद हुआ फैसला सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सीएम योगी के निर्देश के बाद ही सीएसआर कॉन्क्लेव का फैसला हुआ है। इसमें प्रदेश व देश के प्रमुख निवेशकों के सीईओ व वरिष्ठ अधिकारियों को बुलाया जाएगा। प्रदेश में निवेश के लिए एमओयू करने वाले निवेशकों को भी आमंत्रित करने की तैयारी है। कॉन्क्लेव में करीब 400 लोगों के शामिल होने की संभावना है। इस मौके पर कंपनियों के प्रतिनिधि प्रदेश में सीएसआर योगदान की अपनी योजना का खुलासा करेंगे।जनसंख्या और उपभोक्ता बाजार के हिसाब से यूपी देश का सबसे बड़ा प्रदेश है। पर, सीएसआर पर खर्च करने वाली कंपनियों में से महज छह फीसदी ही यहां अपने फंड का कुछ हिस्सा खर्च करती हैं। प्रदेश में यह हिस्सेदारी राष्ट्रीय स्तर पर कुल खर्च का तीन प्रतिशत बताई जा रही है।
वेबपोर्टल भी होगा लॉन्च कॉन्क्लेव के अलावा सीआएसआर से जुड़ा एक पोर्टल भी बनाया जा रहा है। सीएम योगी सीएसआर पोर्टल भी लॉन्च करेंगे। इस पर कंपनियों के सीएसआर योगदान और उनकी गतिविधियों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध रहेगी। सरकार ने सीएसआर फंड का अधिकतम उपयोग खुले में शौचमुक्त मिशन के लिए शौचालय बनाने, संस्कृत विद्यालयों के जीर्णोद्धार व धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों में करने का विचार बनाया है।
इससे पहले हुआ था वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट हाल ही में वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट समिट हुआ। इसमें सरकार का लक्ष्य पांच लाख युवाओं को अपने जिले में हर साल रोजगार देना है। यूपी सरकार ने खुद स्टार्टअप के लिए 250 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। सीएम योगी ने कहा हमें अलग-अलग मोर्चों पर काम करना था। प्रदेश से युवाओं का पलायन रोकना था। जिस पर हम कम से कम समय में जो कर सकते थे कर रहे हैं। वहीं पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 60 हजार करोड़ की 81 परियोजनाओं का शिलान्याास किया है। इसके अलावा इन्वेस्ट समिट के दौरान 4.28 लाख करोड़ निवेश यूपी में होने की बात कही गई है।