बढ़ रहे मामले यूपी पुलिस के साइबर एडवाइजर राहुल मिश्रा कहते हैं कि मैट्रिमोनियल डेटिंग साइट हो या वीडियो कॉल के जरिए ब्लैकमेल लोग नादानी के कारण ऐसी स्थिति में फंस जाते हैं कि वह किसी से सच बताने में भी शर्म महसूस करते हैं। 6 महीने में रिपोर्ट हुए 12 मामले ऐसे हैं जिनमें 8 लड़कियां मैट्रिमोनियल साइट के जरिए तो 8 युवक डेटिंग एप पर अपराधियों के चुंगल में फंसे हैं। किसी ने 70 तो किसी ने ₹80 हजार रुपये गवाएं हैं।
वीडियो कॉल से ब्लैक मेलिंग घटी राहुल मिश्रा कहते हैं कि साइबर अपराध से बचने में जागरूकता एक बड़ा हथियार है। व्हाट्सएप वीडियो कॉल से ब्लैक मेलिंग के घटते मामले इसी का नतीजा है। पहले हर रोज 3 माह में रिपोर्ट हो रहे थे। अब 10 दिन में एक मामला आता है।
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वीडियो एडिटिंग कि क्षेत्र में अपार संभावनाएं, स्टाइलिश जॉब के साथ कमाएं लाखों रुपए ऐसे बचें मैट्रिमोनियल व डेटिंग साइट के जरिए जिस किसी के संपर्क में भी आ रहे हैं पहले भौतिक सत्यापन करें। सोशल मीडिया पर दी गई प्रोफाइल देख कर विश्वास न करें। क्योंकि वहां सब कुछ सच नहीं होता। झांसा देने के लिए बहुत कुछ गढ़ा जाता है। इसके अलावा गिफ्ट रिसीव करने के लिए कुछ देना पड़े तो कतई कदम आगे ना बढ़ाए। यदि कोई आपको गिफ्ट दे रहा है तो बदले में कुछ नहीं लेगा।