कोरोना (Corona Virus) से लड़ाई में इम्यूनिटी के साथ ही सेहतमंद होना जरूरी है। सेहत को लेकर सजग लोगों का साइकिल (Cycling) पर भरोसा बढ़ा है। नतीजा कोरोना काल में 20 फीसदी तक साइकिल की डिमांड बढ़ गई है।
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लखनऊ. कोरोना (Corona Virus) से लड़ाई में इम्यूनिटी के साथ ही सेहतमंद होना जरूरी है। उत्तर प्रदेश में महामारी के समय में सेहत को लेकर सजग लोगों का साइकिल (Cycling) पर भरोसा बढ़ा है। नतीजा कोरोना काल में 20 फीसदी तक साइकिल की डिमांड बढ़ गई है। साइकिल के बढ़े क्रेज का अंदाजा शहर की सड़कों पर निकले वाहनों को देख कर हो जाता है, जब बड़ी संख्या में लोग फिटनेस के लिए साइकिल चलाते नजर आते हैं। इस तरह से साइकिल मैन्युफैक्चर्स के लिए यह वित्त वर्ष मुनाफे के लिहाज से बेस्ट रहा है। 2019 तक पिछले पांच वित्त वर्षों में साइकिल की बिक्री ने लगभग पांच फीसदी की हल्की कंपाउंड सालाना ग्रोथ रेट दर्ज की। वहीं पिछला वित्त वर्ष साइकिल मैन्युफैक्चर्स के लिए बदलाव लेकर आया जो कि अच्छा साबित हुआ।
डिमांड बढ़ी लेकिन आपूर्ति घटी कोरोना काल में साइकिल की डिमांड भले ही बढ़ गई है लेकिन आपूर्ति घट गई है। चाइनीज समानों के बहिष्कार का असर कीमत के साथ आपूर्ति पर दिख रहा है। लखनऊ से कारोबारी हितेश अवस्थी कहते हैं कि इंग्लैंड से बड़ी मात्रा में साइकिलें आती हैं। एडवांस देकर 40 दिन से डिलीवरी का इंतजार कर रहे हैं। चाइनीज सामानों के बहिष्कार के चलते एक साइकिल की कीमत में 1000 से 2500 रुपये की बढ़ोत्तरी हो गई है। बच्चों और स्कूली स्टूडेंट की साइकिलों की डिमांड भले घट गई हो लेकिन फिटनेस वाली साइकिलों की डिमांड डबल हो गई है। लोग अब फिटनेस के लिए साइकिल खरीद रहे हैं। एक दिन में 80 से 100 साइकिल बिकती है।
फेफड़ों की मजबूती के लिए जरूरी है साइकलिंग चेस्ट रोग विशेषज्ञ डॉ.अजय कुमार श्रीवास्तव ने साइकलिंग को फेफड़ों की मजबूती के लिए अहम बताया है। उनका कहना है कि किसी भी व्यायाम से फेफड़ों की सक्रियता बढ़ती है। तेजी से सांस लेने में फेफड़े मजबूत होते हैं। सामान्य व्यक्ति अगर 30 मिनट की साइकलिंग करता है तो यह फेफड़ों की सेहत के लिए काफी अच्छा है। लेकिन कोरोना संक्रमित हो चुके लोगों को साइकिलिंग की सलाह कम दी जाती है। संक्रमण के साथ ही कई मरीजों को निमोनिया हो जाता है। ऐसे में फेफड़े कमजोर हो जाते हैं। साइकलिंग से ऑक्सीजन लेवल कम होने का खतरा बना रहता है।