दो महीने के निष्कर्ष लखनऊ में पिछले दो महीने में इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के ट्रायल में कंट्रोल रूम से ट्रैफिक नियम का उल्लंघन करने वालों पर नजऱ रखी जा रही है। कैमरों की मदद से पता चला है कि हर रोज तकरीबन 1 लाख ट्रैफिक नियम उल्लंघन के मामले सामने आ रहे हैं। डीसीपी ट्रैफिक रईस अख्तर के अनुसार लोग सिग्रल को अनदेखा करते हुए रोड क्रास करते हैं। गलत ड्राइविंग करते हैं। अब ऐसा करने वालों का आटोमेटिक चालान हो जाएगा।
यही हाल रहा तो करोड़ों का चालान ट्रैफिक नियम उल्लंघन के मामलों में कटने वाले चालान का औसत 1000 रूपए हीं माने तो 1 लाख चालान के हिसाब से लखनऊ ट्रैफिक पुलिस रोजाना 10 करोड़ का चालान काटेगी। इस तरह 300 करोड़ का जुर्माना भरना होगा। डीसीपी रईस अख्तर के अनुसार प्रयागराज और नोएडा की ही तरह लखनऊ में भी चालान काटने के 3 दिन बाद कोर्ट जाना होगा। फिलहाल, आईटीएमएस ट्रायल के पहले चरण की खामियां दूर हो गयी हैं। कुछ जरूरी सॉफ्टवेयर अपग्रडेशन के साथ ही स्मार्ट सिटी लखनऊ का इंटीग्रेटेड ट्रेफिक मैनेजमेंट सिस्टम पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा।
दस हजार तक जुर्माना दो पहिया और चार पहिया वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करते पकड़े जाने पर पहली बार में 1000 रुपये और दूसरी बार में 10 हजार रुपए का चालान काटा जाएगा। वहीं, ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होने या उसके बारे में गलत जानकारी देने पर 10 हजार रुपये तक जुर्माना भरना पड़ेगा। बिना हेलमेट पहने दो पहिया वाहन चलाने पर एक हजार रुपए जुर्माना होगा और पार्किंग का उल्लंघन करने पर पहले 500 रुपए और दूसरी बार पकड़े जाने पर 1500 रुपये तक जुर्माना भरना पड़ेगा। एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड को रास्ता न देने पर 10 हजार का जुर्माना भरना पड़ेगा। बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाने पर या 14 साल से कम उम्र के बच्चों के गाड़ी चलाने पर 5000 रूपये का चालान कटेगा। वहीं बिना सीट बेल्ट के गाड़ी चलाने पर 1000 का जुर्माना भरना पड़ेगा।
दो पहिया वाहन पर तीन सवारी होने पर 1000 रूपये का जुर्माना होगा और कार तेज चलाने पर 2000 तक का जुर्माना भरना होगा।