लखनऊ ट्रक एसोसिएशन में कार्यरत सुधीर का कहना है कि ‘महंगाई बढ़ रही है। ऐसे में प्रॉडक्ट्स के दाम को पहले वाले लेवल पर रखना संभव नहीं है। हम कीमतों में 5 पर्सेंट की बढ़ोतरी के साथ इसकी शुरुआत कर रहे हैं। हम इसके साथ वैल्यू और वॉल्यूम ग्रोथ में संतुलन बनाने की कोशिश करेंगे।’ कई कंपनियों के लिए यह पिछले 2 साल में दाम में सबसे बड़ी बढ़ोतरी होगी। ग्लोबल लेवल पर क्रूड के दाम बढ़ने के साथ पेट्रोल की कीमतें इस समय 85 रुपये प्रति लीटर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं, जिसका एफएमसीजी कंपनियों पर सीधा असर पड़ता है। लखनऊ में एक डिटर्जेंट्स, स्किन केयर के प्रोडक्ट्स के ऑफिस में कार्यरत एम्पलॉई ने बताया कि कुछ चुनिंदा साबुन ब्रांड्स की कीमतों में पिछले महीने 5 से 7 पर्सेंट की बढ़ोतरी की है। पैराशूट और मैरिको ने हेयर ऑयल पोर्टफोलियो में 7 पर्सेंट की बढ़ोतरी की है, जबकि ओरल केयर फर्म कोलगेट पामोलिव ने कुछ ब्रांड्स के दाम पिछले महीने 4 पर्सेंट तक बढ़ाए थे।
वहीं लखनऊ के मार्केट एनालिस्टों का कहना है कि रुपये में कमजोरी से ज्यादातर कंपनियों की पैकेजिंग लागत भी बढ़ेगी। बॉटल्स और ट्यूब, दोनों तरह के पैकेजिंग मैटीरियल में पेट्रोलियम डेरिवेटिव का इस्तेमाल किया जाता है। कुछ फूड प्रॉडक्ट्स की पैकेजिंग में पाम ऑयल बायप्रॉडक्ट्स का भी इस्तेमाल होता है, लेकिन इस पर भी इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ने से कंपनियों की लागत पर असर पड़ा है। इस साल मार्च में क्रूड पाम ऑयल पर ड्यूटी को 30 पर्सेंट से बढ़ाकर 44 पर्सेंट और रिफाइंड पाम ऑयल पर ड्यूटी को 40 पर्सेंट से बढ़ाकर 54 पर्सेंट किया गया था।
सरकार के इस फैसले के बारे में बोलते हुए लखनऊ के इंदिरा नगर में रहने वाले एक गृहणी संगीता दीक्षित का कहना है कि महंगाई बढ़ रही है। सरकार के इस फैसले से हमे खर्चों पर कमी करनी होगी। इसका सीधा असर हमारी जेब पर पड़ेगा।