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हौसलों की उड़ान पर ब्रेक न लगा सकी चिलचिलाती धूप, भूख और प्यास से सूखती हलक

locationलखनऊPublished: Mar 29, 2020 07:12:18 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

– हौसलों की उड़ान पर ब्रेक न लगा सकी दुश्वारियां- सरकार के लिए गांवों में पहुंचे सभी लोगों का मेडिकल चेकअप कर क्वारंटाइन करना आसान नहीं होगा

CoronaVirus Lockdown

एक लाख से ज्यादा लोग राज्य के अलग-अलग जिलों में पहुंच गये

लखनऊ. कोरोना वायरस के चलते पूरा देश 14 अप्रैल तक लॉकडाउन है। संक्रमण को लेकर लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर न जा सकें, इसके लिए रेल, बस और हवाई यातायात पूरी तरह से बंद कर दिये गये। फैक्ट्रियां और कारखाने भी बंद हो गये। नतीजन बड़ी संख्या में कामगर दिहाड़ी मजदूर बेरोजगार हो गये। भूख और भविष्य की चिंता में लोग लॉकडाउन और कोरोना के संक्रमण की परवाह किये बिना छोटे-छोटे बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को लेकर पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा पर निकल पड़े। सरकार की तमाम अपील और आश्वासनों को दरकिनार कर लोगों ने घरों की ओर कूच कर दिया। चिलचिलाती धूप और प्यास से सूखती हलक भी इन्हें नहीं रोक पा रही थी। यह भी नहीं सोचा कि क्या खाएंगे? कैसे पहुंचेंगे? रास्ते में कुछ हो गया तो? बच्चों को कंधों पर बिठाये लोगों की फौज राजमार्गों पर नजर आने लगी। हालत देख योगी सरकार ने आपातकालीन बस सेवा शुरू की। यूपी रोडवेज की 1000 बसों के जरिए परिवहन विभाग को जिम्मेदारी सौंपी गई कि सकुशल लोगों को गंतव्य तक पहुंचायें। अंदर जगह नहीं मिली तो बसों की छत पर ही लोग बैठ गये। बसों में ठूंस-ठूंसकर भरे लोगों के बीच इतनी भी जगह नहीं थी कि हवा भी पेबस्त हो जाये। नतीजन, एक लाख से ज्यादा लोग राज्य के अलग-अलग जिलों में पहुंच गये। अब सरकार का कहना है कि सभी की लिस्ट तैयार कर क्वारंटाइन किया जाएगा। हालांकि, यह इतना आसान नहीं होगा, क्योंकि बसों से आये यात्रियों की न तो मेडिकल जांच की गई और न ही कोई रिकॉर्ड अपडेट किया गया। ऐसी स्थिति में जब लोग अपने-अपने गांव जा चुके हैं, सभी को फिर से लाकर मेडिकल कराना और फिर क्वारंटाइन कराना सरल नहीं होगा।
यह कहानी नहीं हकीकत है कि लॉकडाउन में किस तरह लोग दिक्कतें झेलकर अपने गांव पहुंचने की जल्दबाजी में हैं। श्रावास्ती का 67 लोगों का एक परिवार 525 किलोमीटर का सफर तय कर रविवार को दिल्ली से लखनऊ पहुंचा। उनके कंधों पर 80 वर्षीय बुजुर्ग सालिगराम थे। जिनके निचले हिस्से में लकवा मार गया था। बीमारी की वजह से वह चलने-फिरने में असमर्थ थे। परिजनों ने उन्हें बल्लियों के सहारे चादर से बनी पालकी में बिठा रखा था। पांच दिन पहले साधन नहीं मिला तो गांव के लोग पैदल ही निकल पड़े। इस बीच सभी बारी-बारी से बुजुर्ग को कंधे पर लेकर आगे बढ़ते चले गये। चिलचिलाती धूप, भूख-प्यास से सूखती हलक जैसी बाधायें भी इनके हौसलों की उड़ान पर ब्रेक नहीं लगा सकीं। जिंदगी और अपनों के संग की आस के लिए लोग बढ़ते चले गये। लखनऊ में ड्यूटी कर रहे पुलिस-प्रशासन के अफसरान ने लोगों के हुजूम को देखा तो पास गये, हकीकत जानी तो दंग रह गये। भूख से इनके पेट में चूहे कूद रहे थे। पुलिस के एक आला अफसर ने सभी को खाना खिलाया और बस का इंतजाम कर सभी को घर तक पहुंचाया।
सीएम योगी ने कहा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में दूसरे राज्यों से एक लाख से ज्यादा लोग आए हैं। नाम, पता, फोन नंबर की सूची तैयार कर इन सभी को सर्विलांस पर रखते हुए सभी का मेडिकल चेकअप कर जिन्हें आइसोलेट या क्वारंटाइन करने की जरूरत है, उन्हें किया जाएगा। इस बाबत प्रमुख सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने जिला प्रशासन को निर्देश दे दिये हैं।
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