यह कहानी नहीं हकीकत है कि लॉकडाउन में किस तरह लोग दिक्कतें झेलकर अपने गांव पहुंचने की जल्दबाजी में हैं। श्रावास्ती का 67 लोगों का एक परिवार 525 किलोमीटर का सफर तय कर रविवार को दिल्ली से लखनऊ पहुंचा। उनके कंधों पर 80 वर्षीय बुजुर्ग सालिगराम थे। जिनके निचले हिस्से में लकवा मार गया था। बीमारी की वजह से वह चलने-फिरने में असमर्थ थे। परिजनों ने उन्हें बल्लियों के सहारे चादर से बनी पालकी में बिठा रखा था। पांच दिन पहले साधन नहीं मिला तो गांव के लोग पैदल ही निकल पड़े। इस बीच सभी बारी-बारी से बुजुर्ग को कंधे पर लेकर आगे बढ़ते चले गये। चिलचिलाती धूप, भूख-प्यास से सूखती हलक जैसी बाधायें भी इनके हौसलों की उड़ान पर ब्रेक नहीं लगा सकीं। जिंदगी और अपनों के संग की आस के लिए लोग बढ़ते चले गये। लखनऊ में ड्यूटी कर रहे पुलिस-प्रशासन के अफसरान ने लोगों के हुजूम को देखा तो पास गये, हकीकत जानी तो दंग रह गये। भूख से इनके पेट में चूहे कूद रहे थे। पुलिस के एक आला अफसर ने सभी को खाना खिलाया और बस का इंतजाम कर सभी को घर तक पहुंचाया।
सीएम योगी ने कहा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में दूसरे राज्यों से एक लाख से ज्यादा लोग आए हैं। नाम, पता, फोन नंबर की सूची तैयार कर इन सभी को सर्विलांस पर रखते हुए सभी का मेडिकल चेकअप कर जिन्हें आइसोलेट या क्वारंटाइन करने की जरूरत है, उन्हें किया जाएगा। इस बाबत प्रमुख सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने जिला प्रशासन को निर्देश दे दिये हैं।