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जय जय राधा रमण हरि बोल की धुन में सब खो गए

locationलखनऊPublished: Jun 16, 2019 07:14:22 pm

Submitted by:

Ritesh Singh

सलिल महाराज ने कहा कि ईष्ट एक होना चाहिए और ईष्ट में निष्ठा होनी चाहिए।

 DaliGanj Bhagwat katha

जय जय राधा रमण हरि बोल की धुन में सब खो गए

लखनऊ। ‘‘मेरा श्याम बड़ा रंगीला कि मस्ती बरसेगी कीर्तन मे’’ भजन के स्वर जब उमराव सिंह धर्मशाला डालीगंज में भागवत कथा पंडाल में गूंजे तो हर कोई झूम उठा। वृन्दावन के कथा व्यास डॉ. संजय कृष्ण सलिल महाराज ने रविवार को प्रवचन में कहा कि जिस दिन हम अपने को जान लेंगे कि मै कौन हूं उस दिन भगवान मिल जायेंगे। उन्होंने कहा कि व्यक्ति के अन्दर जो अहंकार-मैं भरा है जिसके चलते भगवान हमसे दूर है।
उन्होंने कहा कि किसी को अपने नाम पद व पैसे का घमंड है। पहले हम अपने को पहचाने कि हम कौन है। जिस दिन हम अपने को पहिचान लेंगे उस दिन बांके बिहारी स्वयं तुम्हारे पास आ जयेंगे। सलिल महाराज ने कहा कि ईष्ट एक होना चाहिए और ईष्ट में निष्ठा होनी चाहिए।
जिसके जीवन में ईष्ट नही उसका अनिष्ठ कोई रोक नही सकता। ‘‘जय जय राधा रमण हरि बोल’’ नाम का संकीर्तन कराते हुये कथा व्यास ने कहा कि जिस दिन सारे पट बंद हो जायेंगे उस दिन मेरे ठाकुर मेरे गोविन्द के पट खुल जायेंगे। बाद में रुक्मणी मंगल विवाह हुआ।
कथा में रवीश अग्रवाल, आशीष अग्रवाल, भारत भूषण गुप्ता, जगदीश अग्रवाल, राजीव अग्रवाल, आदेश अग्रवाल, भूपेन्द्र अग्रवाल भीम मौजूद रहे।

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