उन्होंने कहा कि किसी को अपने नाम पद व पैसे का घमंड है। पहले हम अपने को पहचाने कि हम कौन है। जिस दिन हम अपने को पहिचान लेंगे उस दिन बांके बिहारी स्वयं तुम्हारे पास आ जयेंगे। सलिल महाराज ने कहा कि ईष्ट एक होना चाहिए और ईष्ट में निष्ठा होनी चाहिए।
जिसके जीवन में ईष्ट नही उसका अनिष्ठ कोई रोक नही सकता। ‘‘जय जय राधा रमण हरि बोल’’ नाम का संकीर्तन कराते हुये कथा व्यास ने कहा कि जिस दिन सारे पट बंद हो जायेंगे उस दिन मेरे ठाकुर मेरे गोविन्द के पट खुल जायेंगे। बाद में रुक्मणी मंगल विवाह हुआ।
कथा में रवीश अग्रवाल, आशीष अग्रवाल, भारत भूषण गुप्ता, जगदीश अग्रवाल, राजीव अग्रवाल, आदेश अग्रवाल, भूपेन्द्र अग्रवाल भीम मौजूद रहे।