Chief Minister Yogi Adityanath के कुशल मार्ग दर्शन में यह अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल हुई – दारा सिंह चौहान
उत्तर प्रदेश में आज बना एक दिन में 25 करोड़ वृक्षारोपण का रिकार्ड
लखनऊ:उत्तर प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री Dara Singh Chauhan ने 25 करोड़ से ज्यादा वृक्षारोपण के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई दी। उन्होंन कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल मार्ग दर्शन में यह अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल हुई। उन्होंने वन विभाग सहित इस कार्य में लगे 26 अन्य विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी हार्दिक धन्यवाद दिया।
Dara Singh Chauhan अरण्य भवन मुख्यालय पारिजात सभाकक्ष में शाम 6ः00 बजे 25 करोड़ से अधिक वृक्षारोपण के लक्ष्य प्राप्ति के सम्बन्ध में प्रेस कान्फ्रेंस कर रहे थे। उन्होनें कहा कि उ0प्र0 सरकार ने एक दिन में 25 करोड़ से ज्यादा वृक्षारोपण कार्यक्रम कराकर इतिहास रचने का कार्य किया है। इस वृक्षारोपण कार्यक्रम पर 10 देशों के लोगों ने हिट किया है। उन्होंने इस कार्यक्रम की सफलता के लिये प्रदेश की आम जनता मजदूर, किसान, स्वेच्छिक संगठनों का हृदय से धन्यवाद दिया।
वन मंत्री ने वन महोत्सव के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा कुकरैल वन लखनऊ में पौध रोपित कर 25 करोड़ वृक्षारोपण मिषन 2020’ के अन्तर्गत एक ही दिन में 25 करोड़ पौधरोपण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर पंचवटी, हरिशंकरी व नक्षत्र वाटिका की स्थापना एवं 51 प्रजातियों के 251 पौधों का रोपण किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रत्येक जनपद में जन प्रतिनिधियों एवं विषिश्ट जनों की उपस्थिति में वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किए गए। कोविड 19 संक्रामक महामारी से बचाव हेतु दो गज की दूरी-मास्क जरूरी मूल मंत्र एवं कोविड प्रोटोकाॅल का पालन किया गया।
दारा सिंह चौहान ने कहा कि औषधीय पौधों, फलों एवं सहजन जैसे वृक्षों के उत्पाद रोग-प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि एवं पोशक तत्वों की पूर्ति कर हमें कोविड-19 जैसे रोगों से लड़ने में सक्षम बनाते है। वनस्पति व वन्य प्राणि विविधता कोविड-19 व अन्य खतरनाक वायरस व हानिकारक बैक्टीरिया के जैविक नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वांहन करते है। प्रदेशवासियों विशेषकर महिलाओं व बच्चों में कुपोषण की समस्या देखते हुए ‘‘वृक्षारोपण मिशन 2020‘‘ के अन्तर्गत प्रत्येक ग्राम के आवास के परिसर में सहजन का एक पौधा रोपित किया गया। पौधशालाओं एवं वृक्षारोपण में पौधों को पोषक तत्व देने के लिए जीवामृत का निर्माण पौधशालाओं में किया जा रहा है।