scriptदारुल उलूम की मांग, बकरीद पर खोले जाएं पशु बाजार, पूर्ण लॉकडाउन में मिले कुर्बानी की इजाजत | darul uloom deoband permission to let celebrate bakrid in lockdown | Patrika News

दारुल उलूम की मांग, बकरीद पर खोले जाएं पशु बाजार, पूर्ण लॉकडाउन में मिले कुर्बानी की इजाजत

locationलखनऊPublished: Jul 21, 2020 11:23:19 am

Submitted by:

Karishma Lalwani

31 जुलाई को बकरीद (Bakrid) यानी ईद-उल-अजहा का त्योहार है। इस सिलसिले में दारुल उलूम देवबंद ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के सामने पांच मांगें रखी हैं। देवबंद ने सीएम से आग्रह किया है कि त्योहार के मद्देनजर जानवरों की बिक्री पर लगी रोक हटाई जाए

दारुल उलूम की मांग, बकरीद पर खोले जाएं पशु बाजार, पूर्ण लॉकडाउन में मिले कुर्बानी की इजाजत

दारुल उलूम की मांग, बकरीद पर खोले जाएं पशु बाजार, पूर्ण लॉकडाउन में मिले कुर्बानी की इजाजत

लखनऊ. 31 जुलाई को बकरीद (Bakrid) यानी ईद-उल-अजहा का त्योहार है। इस सिलसिले में दारुल उलूम देवबंद ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के सामने पांच मांगें रखी हैं। देवबंद ने सीएम से आग्रह किया है कि त्योहार के मद्देनजर जानवरों की बिक्री पर लगी रोक हटाई जाए। उन्होंने कहा है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मस्जिदों में ईद की नमाज अदा करने की छूट दी जाए। इसके अलावा कहा गया है कि वर्तमान में शनिवार-रविवार को प्रदेश में जो लॉकडाउन लगाया जा रहा है। उसे मंगलवार और बुधवार को कर दिया जाए।
दारुल उलूम ने मुख्यमंत्री योगी से जानवरों की बिक्री पर लगी रोक हटाओ और कुर्बानी के लिए इजाजत देने की बात कही है। दारुल उलूम देवबंद के प्रवक्ता मुफ्ती अशरफ उस्मानी ने बताया कि सीएम को खत लिखकर उनके सामने अपनी सारी मांगे रख दी हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल प्रदेश में जानवरों की बिक्री पर रोग लगी हुई है। उसकी बिक्री के लिए साफ-सफाई के साथ बाजार लगाने की इजाजत दी जाने की इजाजत मांगी गई है, जिससे कि लोगों को आराम से जानवर खरीदारी करने का मौका मिले। इसके साथ ही पूर्ण प्रदेश में कुर्बानी की इजाजत दी जाए, जैसे कि हर साल मिलती रही है।
खत्म हो मस्जिद में नमाज न अदा करवाने की शर्त

उस्मानी ने कहा कि प्रदेश के सभी बाजार खुले हैं, शॉपिंग मॉल्स खुले हैं तो मस्जिद में नमाज अदा नहीं करने की शर्त भी खत्म की जाए। उन्होंने योगी सरकार से मांग की है कि अन्य सभी गतिविधियों की ही तरह नमाजियों को भी मस्जिद में नमाज अदा करने की इजाजत दी जाए क्योंकि एक इबादत के बदले दूसरी इबादत नहीं हो सकती। नमाज के बदले जकात, जकात के बदले नमाज या हज नहीं है। इसलिए कुर्बानी की जगह पैसा गरीबों में देना सही नहीं है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो