निपाह ने गिरायी साख
बारिश शुरू होने की वजह से दशहरी आम अब सिर्फ एक हफ्ते का मेहमान रह गया है। लखनऊ के मलीहाबाद के अधिकांश बागों में दशहरी लगभग खत्म होने को है। इस साल दशहरी की ज्यादा खपत देश के मुंबई और दिल्ली मंडी में हुई। खाड़ी देशों और अन्य दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में निपाह वायरस की आशंका की वजह से निर्यात के कई आर्डर निरस्त हो गए। चंूकि दशहरी अन्य आमों की तुलना में मंडी में पहले आ जाता है इसलिए इसका असर इस ब्रंाड पर भी पड़ा। गौरतलब है कि अकेले लखनऊ में ही 25 हजार हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में दहशरी होता है। यह कुल आम उत्पादन का लगभग 75 प्रतिशत है।
नवाब ब्रांड विदेशों में लोकप्रिय
दशहरी आम के बाद सहारनपुर के नवाब नामक आम के ब्रांड को विश्व के कई देशों में खासा पसंद किया जाता है। यह ब्रांड उप्र सरकार का ब्रांड है। इसलिए इसे और बढ़ावा देने के लिए एक्सपोर्टर को 5 रुपए अतिरिक्त सब्सिडी दी जाती है। इस तरह एक्सपोर्टर को कुल 15 रुपए प्रति किलो के हिसाब से सब्सिडी मिलती है। मंडी सचिव के मुताबिक इस बार यूनाइटेड किंगडम समेत सऊदी अरब, कोरिया, जापान और इटली आदि देशो में नवाब ब्रांड को एक्सपोर्ट किया गया।
चौसा की डिमांड ज्यादा
सहारनपुर के मैंगो पैक हाउस से पिछले वर्ष करीब 350 मीट्रिक टन आम का एक्सपोर्ट हुआ था। जिसमे अकेले सहारनपुर का करीब 80 मीट्रिक टन आम था। इसमें मुख्य रूप से चौसा की डिमांड ज्यादा रहती है। कुल एक्सपोर्ट में 60 फीसदी एक्सपोर्ट चौसा का होता है। इस साल अब तक कितने आम का निर्यात हुआ इसका अधिकृत डाटा उपलब्ध नहीं है, क्योंकि अभी आम का निर्यात जारी है।
इन जिलों में आम की अच्छी किस्में
लखनऊ (बक्शी का तालाब और मलीहाबाद), सहारनपुर, संभल, अमरोहा और मुजफ्फरनगर में आम की अच्छी किस्मों की पैदावार होती है। भारत से आम का निर्यात जापान, अमरीका, यूएई, इटली, कोरिया, ओमान और कुवैत जैसे देशों में किया जाता है। पिछले वर्ष नवाब ब्रांड के तहत प्रदेश में करीब 200 टन आम विदेशों में निर्यात किया गया था। इस साल दशहरी, लंगड़ा, सफेदा और अल्फांसो आम ऑस्ट्रेलिया, कोरिया और ईरान जैसे देशों को भेजा गया। गौरतलब है कि प्रदेेश में आम का निर्यात जून से शुरू हो जाता है। उद्यान विभाग उत्तर प्रदेश के मुताबिक, प्रदेश में 2.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में आम का उत्पादन होता है। सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, बागपत, मेरठ, ज्योतिबाफूलेनगर, बुलंदशहर, हरदोई, सीतापुर, बाराबंकी, लखनऊ, उन्नाव, प्रतापगढ़, वाराणसी और फैजाबाद जिलों में सबसे अधिक आम पैदा होता है।
इस साल किसानों को भी मिली सब्सिडी
उप्र सरकार अभी तक एक्सपोर्ट क्वालिटी पर केवल एक्सपोर्टर को ही सब्सिडी देती थी। लेकिन, इस साल आम उत्पादकों को भी 6 प्रति रुपए प्रति किलो के हिसाब से सब्सिडी दी गयी। यह सब्सिडी मंडी परिषद ने दी। किसान से आम खरीदने पर किसान के नाम की पर्ची एक्सपोर्टर को मंडी परिषद में जमा करनी थी। आम के एक्सपोर्ट होने पर सब्सिडी किसानों के खाते में सीधे दी जाएगी। सहारनपुर के वीएचटी प्लांट से आम का ट्रीटमेंट करवाने पर एक्सपोर्टर को नवाब ब्रांड के प्रमोशन के लिए 5 रुपए प्रति किलो की अतिरिक्त सब्सिडी दी जाती है।
37 मैंगो पैक हाउस पूरे देश में
देशभर में 37 मैंगो पैक हाउस हैं। इनमें सहारनपुर के मैंगो पैक हाउस सबसे महत्वपूर्ण हैं। सहारनपुर मैंगो पैक हाउस की स्थापना वर्ष 2004 में हुई थी। इस मैंगो पैक हाउस में महाराष्ट्र तक के व्यापारी आम का ट्रीटमेंट कराते हैं। सहारनपुर से दिल्ली नजदीक होने की वजह से आम सीधे दिल्ली एयरपोर्ट पहुंच जाता है। उद्यान विभाग जल्द ही दादरी में भी अपना नया मैंगो पैक हाउस खोलने जा रहा है। इससे प्रदेश के आम निर्यात को और फायदा मिलेगा।
विदेश से मांग घटने और अधिक पैदावार की वजह से इस साल दशहरी की मांग कम है। लखनऊ की मंडी में दशहरी 20 से 30 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक रही है।
-प्रवक्ता, भारतीय आम उत्पादक एसोसिएशन, लखनऊ