बिहार में चाहे शराब पर पाबन्दी लग गई हो लेकिन यूपी में तो आम में भी शराब का नशा खोज लिया गया है
Mango Wine
लखनऊ.बिहार में चाहे शराब पर पाबन्दी लग गई हो लेकिन यूपी में तो आम में भी शराब का नशा खोज लिया गया है। जल्द ही लखनऊ के मलीहाबादी दशहरी आम से बना शराब बाज़ार में आएगा। वैज्ञानिकों मैंगों वाइन पर शोध पूरा कर लिया है।
अगले साल वाइन प्रेमियों के लिए बाज़ार में मैंगों फ्लेवर वाले वाइन का स्वाद चखने को मिल सकता है। वाराणसी के काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने इस पर काम पूरा कर लिया है। वैज्ञानिकों का दावा है की मैंगों वाइन दिल के मरीजों से लेकर कैंसर के रोगियों के लिए फायदेमंद साबित होगा।
मैंगों वाइन विवि के कृषि विज्ञान संस्थान के खाद्य एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी केंद्र स्थित लैब में तैयार किया गया है । केंद्र के असिस्टेंट प्रोफेसर अभिषेक दत्त त्रिपाठी ने बया की भारत में हर साल आम की बड़ी मात्रा में बर्बादी होती है। आम के 25 से 24 प्रतिशत हिस्से का उपयोग नहीं हो पाता है। इसलिए इससे कुछ ऐसा बनाने की कोशिश की गई है जो स्वास्थ्यवर्धक हो साथ ही टेस्टी भी।
प्रो त्रिपाठी बताते हैं की मैंगो वाइन बनाने के पहले आम की 6 किस्में दशहरी, लंगड़ा, तोतापरी, अल्फांसो, नीलम पर शोध किया गया। लंगड़ा और दशहरी आमों में एंटी ऑक्सीडेंट और पॉलीफिनॉल प्रचुर मात्रा में पाया गया। यह हृदय के कैंसर और त्वचा रोगों के लिए फायदेमंद है।
मलिहाबाद के दशहरी से बनेगा अच्छा अल्कोहल
प्रो त्रिपाठी ने बताया की छह आमों की वैराइटी में दशहरी आम में एल्कोहल की मात्रा, स्वाद और गंध के अच्छे परिणाम मिले हैं। दशहरी आम में विटामिन ए और सी की अच्छी मात्रा में पाया गया है। उन्होंने बताया की मैंगों वाइन बाज़ार में छह महीने के अंदर लाने की कोशिश की जा रही है।
वाइन सेहत के लिए है फायदेमंद
प्रो त्रिपाठी ने बताया की वाइन को लोग मिसलीडिंग टर्म में लेते हैं की ये शराब है जबकि वाइन फेर्मेटेड प्रोडक्ट है। हमारा मकसद एक फर्मेटेड प्रोडक्ट बनाने का था ताकि लोगों को सेहत के साथ ही स्वाद भी मिल सके। मैंगों वाइन पर काम करने वाले शोधार्थी अर्पित श्रीवास्तव ने बताया की आम की बर्बादी रोकने में मैंगो वाइन कारगर साबित होगा। आम में भरपूर पोषक तत्व हैं और साथ ही इसमें शुगर की मात्रा काफी ज्यादा होती है।