scriptयोगी सरकार का बजट केन्द्र सरकार के चुनावी बजट की फोटोकापी है- दीपक सिंह | deepak singh on yogi adityanath budget 2019 | Patrika News

योगी सरकार का बजट केन्द्र सरकार के चुनावी बजट की फोटोकापी है- दीपक सिंह

locationलखनऊPublished: Feb 08, 2019 02:57:26 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

दो बजटों की तरह झूठ व जुमलों की चाशनी से डुबोया गया है

Uttar Pradesh Budget

योगी सरकार का बजट केन्द्र सरकार के चुनावी बजट की फोटोकापी है- दीपक सिंह

ritesh singh

लखनऊ , कांग्रेस विधान परिषद् दल के नेता दीपक सिंह ने कहा की उत्तर प्रदेश सरकार का यह बजट सिर्फ पिछले दो बजटों की तरह झूठ व जुमलों की चाशनी से डुबोया गया है इस में न तो किसानों न बेरोजगारों के लिए और न तो कानून व्यवस्था के लिए कोई कारगर उपाय किये गये हैं। सरकार का बजट केन्द्र सरकार के चुनावी बजट की फोटोकापी है और अधिकांश योजनाओं में पिछले दो बजटों में सरकार गढ्ढा मुक्ति की बात करती है, परन्तु यातायात निदेशालय के अनुसार गढ्ढों की वजह से प्रदेश में 2273 मौते हो चुकी हैं और 4285 लोग गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं।
इन्वेस्टर समिट के माध्यम से न कोई रोजगार मिला

सरकार ने पिछले बजट (2018) में स्वच्छता का टारगेट रखा था परन्तु इस बजट में भी उसी की पुनरावृत्ति की गयी है, सरकार ने इन्वेस्टर समिट के माध्यम से बड़े-2 दावे किये थे कहा गया था कि विकास और रोजगार के हजारों अवसर उपलब्ध होंगे परन्तु इन्वेस्टर समिट में करोड़ो रूपये खर्च करने के बावजूद धरातल पर कहीं भी कोई काम होता दिख नहीं रहा है। परन्तु इन्वेस्टर समिट के माध्यम से पृथ्वी पर न कोई एक रोजगार मिला और न ही एक ईट रखी गई अगर मंगल ग्रह पर रखी गई हो तो पता नहीं, मंगल ग्रह पर कोई विकास या रोजगार दिया गया हो। अपितु कई भ्रष्टाचार की बातें सुनने को आई।
सरकार ने शिक्षा के मामले में जो बातें पिछले बजट में कही

दीपक ने कहा योगी सरकार ने पुलिस के कन्धे पर बन्दूक रखकर बहुत सारे ठाँय-2 किये लेकिन पिछले बजट के दावे पर कोई सुधार नहीं हुआ सरकार के हर बजट में किसानों की आय बढ़ाने की बात की गई है परन्तु सरकार ने इसी सत्र में माना है कि किसानों का लागत मूल्य और कृषि विभाग का लागत मूल्य के लगभग बराबर ही किसान पैदावार कर पाता है, सरकार ने शिक्षा के मामले में जो बातें पिछले बजट में कही थी वही आज भी दोहराया है।
पशुओं के बार-2 सड़क पर आने से गम्भीर हादसे

सरकार ने विकास के जो दिव्य स्वप्न दिखाएं हैं उसके 77640 करोड़ रूपये का विकास जी0एस0टी0 के वसूले गये टैक्स से कराने को दिखाती है, अवारा पशुओं से किसानों की फसलों की सुऱक्षा के लिए पिछले वर्ष 98 करोड़ का बजट था इस बार 650 करोड़ के बजट प्रावधान किया गया है और 98 करोड़ का बजट में पिछली बार सरकार द्वारा कोई भी कार्य जमीन पर नहीं दिख रहा है 98 करोड़ रूपये कहा लगाया गया, उस पैसे का कुछ भी अता-पता नहीं है पशु सड़कों पर भूखे-प्यासे घूम रहे हैं पशुओं के बार-2 सड़क पर आने से गम्भीर हादसे भी हो रहे है।
उपभोक्ताओं को बिजली के लिए महीनों इन्तजार करना पड़ता

सरकार ने बिजली पर बड़े-2 दावे किये हैं परन्तु 12 प्रतिशत बजट भी बढ़ाया है लेकिन धरातल पर कोई भी काम नहीं हो पाया है, ट्रान्सफार्मर जलने के 24 घंटों में बदलने का दावा करने वाली योगी की जुमला सरकार बताएं कि उसको बनाने में महीनों क्यों गुजर जाते हैं, जले ट्रान्सफार्मरों को बनाने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है तथा उपभोक्ताओं को बिजली के लिए महीनों इन्तजार करना पड़ता है। तो सरकार किस आधार पर बजट बढ़ाने की बात करती है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो