क्या है उद्देश्य- एरा यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. अब्बास अली का कहना है कि नया विभाग खुशी के उपकरणों को विकसित करने व एक ऐसा ईको सिस्टम बनाने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है जिससे लोग अपने अंदर की क्षमता को पहचान सके। इससे चिकित्सा और पैरा मेडिकल छात्रों को विपरित परिस्थितियों में खुश रहने के लिए शिक्षित किया जाएगा। इस डिपार्टमेंट की स्थापना मीता घोष के साथ की गई है जो कि इसकी हेड हैं। मीता घोष का कहना है कि प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य स्टूडेंट्स को सह समझाना है कि कैसे पॉजिटिव साइकलॉजी स्ट्रैटिजी से वे अपने सही पोटेशियल (क्षमता) तक पहुंच सकते हैं। स्टूडेंट्स के अच्छे भविष्य के लिए यह जरूरी है कि वे सदा खुश रहे। इस प्रोग्राम में कई क्लासरूम ऐक्टिविटीज शामिल हैं जैसे इंट्रैक्शन, ग्रुप ऐक्टिविटीज और प्रैक्टिकल होमवर्क।
हैपीनेस का कोर्स शुरू करने की है जरूरत- प्रो. अब्बास अली ने बताया कहा कि वैल्यू-ऐडेड सर्टिफिकेट कोर्स के बाद जल्द ही यूनिवर्सिटी ने इस पर एक पूरा कोर्स शुरू करने की भी प्लानिंग बनाई है जो कि सभी पहलुओं को कवर करेगा। बता दें, डिपार्टमेंट ऑफ हैपीनेस का औपचारिक रूप से उद्घाटन 16 अगस्त 2019 को हुआ था, जबकि पहली क्लास 19 अगस्त को हुई है। प्रो. अब्बास अली के मुताबिक, इस समय हैपीनेस का कोर्स शुरू करने की जरूरत है। यह उन मेडिकल स्टूडेंट्स, नर्सेस, फार्मासिस्ट, पैरामेडिक्स के लिए बेहद महत्वपूर्ण है जो कि सफल होना चाहते हैं और समाज की सेवा करना चाहते हैं।