भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रही इस महिला ने अपने अधिकारी पति को ही करवाया निलंबित, सभी सरकारें कर रही है वाहवाही
बगैर काम के वेतन उठा रहे कर्मचारी पूर्व मनोरंजन कर विभाग के सेवा संघों ने बताया कि 2 वर्षों के बाद केवल अधिकारियों की तैनाती वाणिज्य कर में की गई। जबकि 120 से अधिक संख्या में वाणिज्य कर निरीक्षक एवं 125 से अधिक लिपिक और चपरासियों को अभी भी जीएसटी में कोई कार्य आवंटित नहीं किया गया है। इन कर्मचारियों के वेतन का भार सरकारी खजाने पर है। इतना समय बीत जाने के बाद भी बड़ी संख्या में निरीक्षक और कर्मचारी बगैर कार्य के बैठे हैं यह अधिकारियों की लापरवाही को उजागर करता है। उन्होंने बताया कि दोनों विभागों के मर्जर के बाद से निरीक्षक और कर्मचारी अधिकारियों से काम आवंटित करने की मांग कर रहे हैं लेकिन अभी तक इनको कोई भी कार्य आवंटित नहीं किया गया है।भाजपा से आई बड़ी खबर, मंत्रिमंडल विस्तार से पहले इस बड़े मंत्री ने सीएम योगी को दिया इस्तीफा, मचा हड़कंप
शासन की रिपोर्ट भी दबाये बैठे अधिकारी पूर्व मनोरंजन कर विभाग के सेवा संघों ने बताया की दोनों विभागों के आमेलन के लिए शासन स्तर से एक कमेटी का गठन किया गया था। वाणिज्य कर के विशेष सचिव नेकपाल वर्मा इस कमेटी के अध्यक्ष थे, इसमें दोनों विभागों के अधिकारियों, सेवा संघों के साथ कार्मिक, वित्त और न्याय विभाग के अधिकारी सदस्य थे। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट भी दे दी लेकिन अभी तक शासन ने आमेलन नियमावली जारी नहीं की है। जिससे दोनों विभागों के सेवा संबंधी प्रकरण अटके हुये हैं।