आकर्षक मोमबत्ती से सजेगा घर दीपावली पर्व में इस वर्ष डिजाइनर मोमबत्तियों से घर रोशन होंगे। प्रयागराज दिव्यांग कलाकारों ने विभिन्न रूपों में आकर्षक मोमबत्तियां ढाल रहे हैं। समाज सेवक और शिक्षक श्रीनारायण के सहयोग से ये दिव्यांग कलाकारों ने मोम को कई रूपों में डाल कर कलश, मटका, स्टार, क्रिसमस ट्री, हाथी, नांव, महाराजा, दरबार, दीपक, पेंडल, हॉट, सूरजमुखी और गुलाब सहित 15 से अधिक रूप दिए हैं।
घर की बढ़ेगी शोभा अपने हुनर का इस्तेमाल कर न सिर्फ साधारण सी मोमबत्ती बना रहे हैं, बल्कि अलग-अलग तरीके की खूबसूरत मोमबत्तियां बना रहे है। मोमबत्तियां इतनी आकर्षक हैं कि हर कोई भी खरीदना चाहेगा। दीपावली में लोगों के घरों में इस बार रोशनी फैलाने के साथ- साथ खूबसूरत मोमबत्तियां भी घर की रौनक को और भी बढ़ाएगी।
दिव्यांग जनों से बनाई गई मोमबत्तियां आम आदमी तक पहुंचें इसके लिए प्रयागराज में कई जगह स्टॉल लगाकर बिक्री भी की जाए गी। साथ ही मोमबत्तियाों से होने वाली आय से दिव्यांग अपनी दीपावली मनाएंगे।
दिव्यांग बनाते हैं मोमबत्ती समाजसेवी और दिव्यांगों के लिए काम करने वाले नारायण यादव ने अपने घर पर इसके लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध कराईं। रोशनी पर्व के लिए इन्हीं कलाकारों के सहयोग से रंगीन मोमबत्तियां बनाने का काम शुरू हुआ। दिव्यांगों के लिए काम करने वाली संस्था अनाम स्नेह के प्रयास से दिव्यांगों ने मोमबत्ती को स्टार, क्रिसमस ट्री, हाथी, नाव, महाराजा, दरबार,दीपक, पेंडल, हॉट, सूरजमुखी और गुलाब सहित 15 से ज्यादा रूप दिए हैं, जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं।
प्रति दिन 1000 मोमबत्तियां बना रहे हैं दिव्यांग कलाकार कोरोना के चलते चीनी सामानों का भारत में बहिष्कार जोरों पर है। इसलिए देश के प्रधानमंत्री ने भी स्वदेशी अपनाएं का आह्वान किया है। वहीं प्रयागराज के दिव्यांग कलाकारों ने प्रधानमंत्री के बताए मार्गदर्शन पर चलने का प्रयास करते हुए दीपावली के लिए विभिन्न प्रकार की मोमबत्तियां बनाना शुरू किया है। दिव्यांगों द्वारा बनाई गई विभिन्न तरह की मोमबत्तियों से इस बार दीपावली में लोगों के घरों में उजियारा फैलाएंगी। इन मोमबत्तियां से होने वाली आय दिव्यांगों को त्यौहार में उपहार देगी। दिव्यांगों का समूह मिलकर प्रतिदिन लगभग 800 से 1000 तक मोमबत्तियां तैयार कर रहे हैं।
स्वदेशी दिए और मोमबत्ती का करें इस्तेमाल समाज सेवी नारायण यादव कहते हैं कि पीएम मोदी भी स्वदेशी चीजों को अपनाने के लिए कहते हैं। दीपावली पर चाइनीज लाइट, झालर का बहिष्कार करने की अपील करते हुए उन्होंने देश की बने चीजों का प्रयोग करने और अपने देश के लोगों के हाथ से बने दीपक और मोमबत्तियां जलाने की अपील की है। शारीरिक क्षमता किसी के विकास में बाधक नहीं हो सकती है। कठिन प्रयास, मेहनत और लगन के दम पर लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। इस बात को दिव्यांग जनों ने चरितार्थ करके दिखाया है।