scriptकोरोना के बावजूद एक साल में 30 फीसदी बढ़ा यूपी का निर्यात, कमाल है | Despite Corona UP exports increased 30 percent in year amazing | Patrika News

कोरोना के बावजूद एक साल में 30 फीसदी बढ़ा यूपी का निर्यात, कमाल है

locationलखनऊPublished: Apr 29, 2022 04:22:32 pm

UP exports increased कोरोना संकट में जब दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियां सुस्त थीं। उस वक्त भी उत्तर प्रदेश के बनाए उत्पादों की विदेशों में धूम मची हुई थी। डेयरी उत्पाद, लेदर, टेक्सटाइल और ग्लासवेयर कारोबारियों ने जमकर कमाई की। इस कमाई ने यूपी के निर्यात के ग्राफ को ऊपर उठा दिया हैं।

कोरोना के बावजूद एक साल में 30 फीसदी बढ़ा यूपी का निर्यात, कमाल है

कोरोना के बावजूद एक साल में 30 फीसदी बढ़ा यूपी का निर्यात, कमाल है

कोरोना संकट में जब दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियां सुस्त थीं। उस वक्त भी उत्तर प्रदेश के बनाए उत्पादों की विदेशों में धूम मची हुई थी। डेयरी उत्पाद, लेदर, टेक्सटाइल और ग्लासवेयर कारोबारियों ने जमकर कमाई की। इस कमाई ने यूपी के निर्यात के ग्राफ को ऊपर उठा दिया हैं। उत्तर प्रदेश में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई योजनाओं का असर अब दिखने लगा है। ऐसी उम्मीद है कि, इस वित्तीय वर्ष के अंत तक निर्यात का आंकड़ा 1.50 लाख करोड़ रुपए से अधिक होगा। बीती फरवरी तक के आंकड़ों में ही 30 फीसदी निर्यात वृद्धि के साथ यूपी से 1,40,124.5 करोड़ रुपए मूल्य के उत्पादों का निर्यात हो चुका है। इसमें 60 फीसद भूमिका ओडीओपी उत्पादों की रही है।
ओडीओपी उत्पादों ने मचाया धूम

उत्तर प्रदेश सरकार निर्यात में एक नया रिकार्ड बनाने जा रही है। राज्य में एमएसएमई व निर्यात प्रोत्साहन विभाग के अपर मुख्य सचिव डा. नवनीत सहगल बताते हैं कि, चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 के फरवरी तक के निर्यात आंकड़ों के अनुसार प्रदेश सरकार से निर्यातकों को दी जा रही सुविधाओं व सहायता के सकारात्मक परिणाम दिखने लगे हैं। इन आंकड़ों के अनुसार बीते साल 2020-21 में फरवरी तक 1,07,424.5 करोड़ रुपए का निर्यात हुआ, जबकि इस वर्ष 2021-22 में फरवरी तक 1,40.123.5 करोड़ रुपए का निर्यात हुआ है।
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निर्यात में इजाफे की कई वजहें

नवनीत सहगल बताते हैं कि, राज्य के निर्यात में इजाफे की कई वजहें हैं। राज्य में बेहतर कानून व्यवस्था, निर्यात के लिए कस्टम समन्वय तंत्र, विदेशों के भारतीय दूतावासों से तालमेल, 75 जिलों का डिस्ट्रिक्ट एक्सपोर्ट प्लान तथा जिलों को एक्सपोर्ट हब के रूप में विकसित करना रहा है। लेदर गुड्स, स्पोटर्स गुड्स, केमिकल, टेक्सटाइल्स व हैण्डीक्राफ्ट सहित 100 उत्पाद चिन्हित करने के फैसले से भी यूपी के निर्यात में इजाफा हुआ है।
यह भी पढ़ें

खूनी कौन है, जिसने वरमाला के ठीक बाद दुल्हन को मारी गोली हुई मौत, जानेंगे तो हैरान रह जाएंगेइस वक्त निर्यात में यूपी पांचवें नम्बर पर

इस वक्त निर्यात के क्षेत्र में यूपी, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु के बाद पांचवें स्थान पर हैं। जबकि लैंडलॉक स्टेट (मैदानी राज्यों) में यूपी निर्यात के क्षेत्र में पहले नंबर पर है। सरकारी नीतियों से अब यूपी से निर्यात के ग्राफ में लगातार वृद्धि हो रही है। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद निर्यात बढ़ना बड़ी बात है।
इन वस्तुओं के निर्यात में वृद्धि दर्ज

निर्यात विभाग के अधिकारियों के अनुसार, बीते एक वर्ष में यूपी से डेयरी उत्पाद, प्राकृतिक शहद, खाद्य उत्पाद, एनीमल आर्जिन प्रोडेक्ट, सब्जियां, फल, चाय, मसाले, अनाज, चीनी और चीनी कन्फेक्शनरी, खनिज ईंधन, तेल, अकार्बनिक रसायन, कार्बनिक रसायन, फार्मास्युटिकल उत्पाद, एल्बुमिनोइडल, प्लास्टिक और उससे बने सामान, रबड़, चमड़े की वस्तुएं, पेपर, सिल्क, मानव निर्मित फिलामेंट्स, कालीन, परिधान और वस्त्र सहायक उपकरण, कांच और कांच से बने उत्पाद, मोती, कीमती या अर्ध-कीमती पत्थर/धातु, लोहा और इस्पात, एल्युमिनियम आदि के निर्यात में वृद्धि दर्ज की गई है।
सबसे अधिक इलेक्ट्रानिक्स उत्पाद का निर्यात

अधिकारियों के अनुसार, सबसे अधिक करीब 25,000 करोड़ रुपए के इलेक्ट्रानिक्स उत्पाद निर्यात किये गए, जबकि करीब चार हजार करोड़ रुपए का फर्नीचर विदेश भेजा गया है।
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